प्रधानमंत्री की सभा को विफल करने रची गई साजिश ?

सर्व आदिवासी समाज ने सभा वाले दिन किया बस्तर संभाग बंद का आह्वान =

= साजिश में कांग्रेस और मंत्री का हाथ होने का आरोप =

  *जगदलपुर।* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3 अक्टूबर को जगदलपुर में प्रस्तावित आमसभा को विफल करने के हठकंडे अपनाए जा रहे हैं। सभा स्थल पर बड़ी संख्या में कांग्रेस के बैनर पोस्टर्स लगा दिए गए हैं। बसों और निजी वाहनों का अधिग्रहण कर लिया गया है। 3 अक्टूबर को ही बस्तर बंद का आह्वान किया गया है तथा एक दिन पहले जगदलपुर से नगरनार तक रैली भी होने वाली है। कहा जा रहा है कि यह सब कुछ प्रदेश की सत्ता पर बैठे लोगों के इशारे पर हो रहा है।

         प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3अक्टूबर को जगदलपुर के प्रवास पर रहेंगे। श्री मोदी एनएमडीसी द्वारा नगरनार में स्थापित इस्पात संयंत्र का लोकार्पण और मर्जर करने वाले हैं। वे बड़ी आमसभा को संबोधित भी करेंगे। इस बीच कांग्रेस और प्रदेश की सत्ता पर काबिज उसकी सरकार पर श्री मोदी की सभा को विफल करने के लिए षड़यंत्र रचने का आरोप भाजपा ने लगाया है। आरोप है कि सभा स्थल पर बड़ी मात्रा में कांग्रेसी बैनर पोस्टर लगा दिए गए हैं। यात्री बसों और दीगर वाहनों का अधिग्रहण करा लिया गया है। 

 इसी तिथि पर सर्व आदिवासी समाज एवं पिछड़ा वर्ग समाज ने बस्तर बंद का आह्वान किया है। 2 अक्टूबर को सर्व आदिवासी समाज जगदलपुर से नगरनार तक रैली भी करने वाला है। समाज ने नगरनार स्टील प्लांट के कथित निजीकरण के विरोध में तथा प्लांट एवं अन्य उपक्रमों में स्थानीय लोगों को नौकरी देने, एनएमडीसी के मुख्यालय को हैदराबाद से बस्तर लाने और जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर रैली निकालने का फैसला एवं बस्तर संभाग बंद का आह्वान किया है। कहा जा रहा है कि बंद एवं रैली के पीछे छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री कवासी लखमा का हाथ है। वहीं कवासी लखमा ने इससे इंकार करते हुए इसे सामाजिक आंदोलन बताया है। जगदलपुर के जिस लालबाग मैदान पर श्री मोदी की सभा होनी है, उसके चारों ओर कांग्रेस पार्टी ने अपने होर्डिंग, पोस्टर और बैनर लगवा दिए हैं। इतना नहीं, सूत्र यह भी बता रहे हैं कि विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता नहीं लगी है, लेकिन विभिन्न शासकीय संस्थाओं, विभिन्न बसों और प्राइवेट गाड़ियों का अधिग्रहण किया जा रहा है। इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा और रैली को प्रभावित करने की सरकार की और कांग्रेस पार्टी की योजना है। आरोप है कि उक्त मांगों को लेकर कांग्रेस ने आदिवासी समाज और पिछड़ा वर्ग समाज के कंधे के सहारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने का निर्णय लिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed