बाफना जगदलपुर छोड़कर कहीं भी करेंगे भाजपा का काम…

(अर्जुन झा)*

जगदलपुर। बस्तर संभाग की इकलौती सामान्य सीट जगदलपुर से दो बार विधायक रहे संतोष बाफना इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार थे लेकिन टिकट नहीं मिलने से नाराज जगदलपुर विधानसभा के सैकड़ों कार्यकर्ता आज बाफना के निवास पहुंच गए और पार्टी के निर्णय के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया। संतोष बाफना ने अपने समर्थकों को समझाते हुए कहा कि पार्टी का फैसले का सम्मान करते हुए वे पार्टी का काम करेंगे। बाफना ने स्पष्ट किया कि जगदलपुर सीट छोड़कर वे जहां भी पार्टी निर्देश देगी, वहां काम करेंगे। जगदलपुर में काम नहीं करने के पीछे उनकी यह भावना है कि शायद कुछ लोग भरोसा न करें। उनका कहना है कि वे भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं। पार्टी ने उन्हें भी पहले जिम्मेदारी सौंपी है। अब जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनके प्रति शुभकामनाएं हैं। पार्टी का निर्णय सर्वमान्य है। उनका कहना है कि उनका पूरा परिवार भाजपा के प्रति समर्पित रहा है और रहेगा।

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में तत्कालीन विधायक संतोष बाफना कांग्रेस उम्मीदवार रेखचंद जैन से 27000 से अधिक मतों से पराजित हो गए थे। इस बड़े अंतर से हार की वजह से भाजपा जगदलपुर में प्रत्याशी बदलने की तैयारी काफी पहले से कर रही थी। दावेदारों के तौर पर कई सारे नाम सामने आए लेकिन आखिरकार भाजपा के बिलासपुर संभाग प्रभारी किरण देव को जगदलपुर सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। इसके बाद स्वाभाविक तौर पर बाफना समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही थी, जो आज उनके राजस्थान दौरे पर रवाना होने के ठीक पहले सामने आई।

 संतोष बाफना ने उनके समर्थकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी से ऊपर कोई नहीं है पार्टी का जो भी फैसला होता है, वह हर हाल में मान्य है। पार्टी के फैसले के बाहर कोई नहीं जा सकता। उन्होंने अपने समर्थकों को समझा कर शांत अवश्य कर दिया लेकिन भाजपा के गलियारों में चर्चा है कि अचानक इतने सारे समर्थक बाफना के द्वार पर कैसे पहुंच गए। हालांकि बाफना का कहना है कि उन्होंने किसी को बुलाया नहीं था। यह लोग उनके प्रति स्नेह रखते हैं इसलिए अपनी भावनाएं प्रकट करने आए थे। परंतु यह एकदम साफ है कि पार्टी का फैसला शिरोधार्य है। बाफना राजस्थान दौरे पर जा रहे हैं, इसको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं कि टिकट से वंचित होने के बाद ही एकाएक उनका राजस्थान दौरा बन गया। यदि उन्हें टिकट मिल गई होती तो क्या वह तीर्थ पर जा सकते थे? बहरहाल, जगदलपुर में भाजपा के भीतर का असंतोष व्यक्त भी हो गया। बाफना ने बहुत सारा कुछ कह दिया तो बिना कहे भी बहुत कुछ कह दिया।

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