नेताजी की आवभगत में जुटे रहे दो पंचायत सचिव

आयोग में शिकायत की भनक लगते ही नेताजी ने बदल दिया रास्ता =

= शासकीय कर्मी के घर ली नेताजी ने चुनावी बैठक =

*सुकमा।* जिले में सत्ताधारी दल के एक कद्दावर नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ शुक्र वार को कोंटा पहुंचे थे। नेताजी के प्रवास की खबर मिलते ही दो पंचायत सचिव उनकी आवभगत की तैयारी में जुटे रहे। विश्राम गृह में आवभगत की तैयारी की गई थी। भाजपा नेता द्वारा निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में शिकायत की जाने की खबर मिलते ही नेताजी रेस्ट हाउस नही पहुंचे और एक शासकीय सेवक के घर चले गए। शासकीय सेवक के घर में लोगों से चुनावी चर्चा कर नेताजी वापस सुकमा जिला मुख्यालय लौट आए।

        ज्ञातव्य हो कि सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी पारा काफी चढ़ा हुआ है। इस सीट पर इस बार त्रिकोणीय चुनाव के समीकरण बन रहे हैं। अपनी विजय यात्रा को जारी रखने कांग्रेस के नेता व कार्यकर्त्ता जमकर पसीना बहा रहे हैं। शुक्रवार को नेताजी अपने समर्थकों के साथ कोंटा पहुंचे थे। उनकी खातिरदारी और आवभगत को लेकर दो पंचायत सचिवों ने शासकीय विश्राम गृह में अच्छी व्यवस्था कर रखी थी। खबर है कि बंडा एवं मुलाकिसोली के पंचायत सचिव नेताजी की खातिरदारी में जुटे थे। नेताजी के लिए विश्राम गृह कोंटा में खातिरदारी की व्यवस्था कराई गई थी। इसकी भनक भाजपा नेताओं को लग गई। भाजपा के नेता मामले की शिकायत करने निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पहुंच गए। उधर नेताजी को भी शिकायत की भनक लग गई। इसके बाद सत्ताधारी दल के नेताजी विश्राम गृह नही पहुंचे और खातिरदारी में जुटे सचिवों की कोशिशों और उम्मीदों पर पानी फिर गया। ऐसी खबर है कि नेताजी विश्राम गृह जाने की योजना को कैंसिल कर शासकीय सेवक के घर चले गए। वहां उन्होंने कुछ सरकारी कर्मचारियों और पार्टी कार्यकर्त्ताओं से चुनावी चर्चा भी की। उसके बाद नेताजी वापस सुकमा लौट आए।

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*आचार संहिता का उल्लंघन*

आदर्श चुनाव आचार संहिता के अनुसार चुनावों के दौरान शासकीय संपत्ति का उपयोग करना राजनीतिक दलों के लिए प्रतिबंधित रहता है। अब यह जांच का विषय है कि किसकी अनुमति से नेताजी के लिए विश्रामगृह उपलब्ध कराया गया था और दो पंचायत सचिव किस अधिकारी के निर्देश पर कांग्रेसी नेता की खातिरदारी का इंतजाम विश्राम गृह में किया गया था ? नेताजी जिस शासकीय सेवक के घर चुनावी रणनीति बनाने के लिए पहुंचे थे, उस शासकीय सेवक की भी भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। अगर इस शासकीय सेवक की ड्यूटी निर्वाचन में लगाई जाती है, तो निष्पक्ष मतदान संभव नहीं होगा।

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*भाजपा ने की शिकायत*

 कोंटा विधानसभा क्षेत्र के एक बड़े भाजपा नेता ने बताया कि विश्राम गृह शासकीय संपत्ति है और चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं को विश्राम गृह उपलब्ध कराना आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सुकमा से शिकायत कर पंचायत सचिवों और उक्त शासकीय सेवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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