राज्य में नया रजिस्ट्री सिस्टम किया जा रहा है. लागू , बार-बार जमीन बेचे जाने के फर्जीवाड़े पर कसेगी लगाम

रायपुर। जमीन के बार-बार बेचे जाने का फर्जीवाड़ा आम हो चला है. लोगों को इस फर्जीवाड़े का शिकार होने से बचाने के लिए राज्य में नया रजिस्ट्री सिस्टम लागू किया जा रहा है. शुरुआती दौर में प्रदेश के आधा दर्जन जिलों के साथ राजधानी में नए एनजीडीआरएस सिस्टम को शुरू किया गया है, जिसमें आरंग और तिल्दा-नेवरा की रजिस्ट्री की जा रही है.

रायपुर में पांच उप पंजीयक में ट्रायल के तौर पर केवल एक उप पंजीयक के पास ही रजिस्ट्री शुरू की गई है. इस नए सिस्टम में जमीन के दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करते ही उसका पूरा रिकार्ड मॉनीटर पर नजर आने लगता है. इसमें जमीन के मालिक के साथ पूर्व में हुई बिक्री की जानकारी होती है. इससे एक ही जमीन को बार-बार बेचे जाने के मामलों में लगाम लगने के आसार हैं.

हालांकि, अभी नया सिस्टम धीमा चल रहा है. 15 से 18 जनवरी तक करीब 10 ही रजिस्ट्री हो पाई है, जबकि पुराने सिस्टम में एक उप- पंजीयक एक दिन में 50 रजिस्ट्री करते हैं. इसी तरह आरंग और तिल्दा में भी तीन दिन में 15 से 20 ही रजिस्ट्री हो पाई.अफसरों का दावा है कि एनजीडीआरएस (नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) लागू होने के बाद एक ओर जहां रजिस्ट्री में होने वाला फर्जीवाड़ा खत्म हो जाएगा. वहीं रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होने के बाद लोगों को दस्तावेज उसी दिन मिलेंगे. पुराने सिस्टम में रजिस्ट्री के चार से पांच दिन बाद दस्तावेज मिलते हैं.पुराने सिस्टम से रजिस्ट्री होने पर लोगों को एक पेज के लिए 20 रुपए शुल्क लिया जाता है, लेकिन अभी नए सिस्टम से रजिस्ट्री होने पर एक पेज का 60 रुपए अतिरिक्त देना होगा. एक रजिस्ट्री में औसतन 10 पेज होते हैं. ऐसे में रजिस्ट्री कराने वालों को औसतन 400 रुपए का अतिरिक्त खर्च लगेगा. एनजीडीआरएस सिस्टम से शुरुआत में अभनपुर, महासमुंद और धमतरी में अब तक 45 हजार से ज्यादा दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है. 31 मार्च के बाद सभी जिलों में अनिवार्य रूप से सिस्टम लागू हो जाएगा.

नया सिस्टम https://www. ngdrs.cg.gov.in/NGDRS CG की वेबसाइट में सिटीजन पार्ट में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद सिटीजन के ऑप्शन पर लॉगिन करना होगा. इसमें उपलब्ध फार्म में जैसे ही प्रॉपर्टी की जानकारी दी जाएगी, उसका बाजार मूल्य, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क मॉनिटर पर दिख जाएगा. इसके बाद पक्षकारों द्वारा पंजीयन के लिए सुविधानुसार समय एवं तारीख का चयन कर ऑनलाइन अपाइंटमेंट लेना होगा. जो तारीख मिलेगी उसमें रजिस्ट्री दफ्तर में जाकर मूल दस्तावेज दिखाकर रजिस्ट्री कराई जा सकेगी.

महानिरीक्षक पंजीयन धर्मेश साहू ने बताया कि रायपुर समेत राज्य सभी पंजीयन दफ्तरों में एनजीडीआरएस सिस्टम मार्च 2024 के पहले अनिवार्य रूप से लागू हो जाएगा. अभी देशभर के 11 राज्यों में इसी सिस्टम से रजिस्ट्री हो रही है. सिस्टम में बेहतर तरीके से काम हो इसलिए विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है.

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