यू-ट्यूब से सीखा तरीका फिर छापने लगे नोट, प्रिंटिंग ऐसी कि करेंसी देख पुलिस भी चकराई
गया. आज के जमाने में यू-ट्यूब एक ऐसा प्लेटफार्म बन गया है जिसे देख हर कोई कुछ भी करने की कोशिश करने लगता है. बिहार में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें यू-ट्यूब का सहारा तो लिया गया लेकिन क्राइम करने में. मामला गया से जुड़ा है जहां पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गैंग यू-ट्यूब से तरकीब जानने के बाद फटाफट नकली नोट छाप रहा था जिसका पुलिस ने खुलासा कर लिया है.
पुलिस ने इस दौरान गैंग के दो अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है. गया पुलिस ने नकली नोट छापने वाला गिरोह का भंडाफोड़ चेरकी थाना क्षेत्र के कुरवांमा गांव में किया है जहां नकली नोट छापने का खेल चल रहा था. पुलिस ने छापेमारी कर 4 लाख 73 हजार के नकली नोट बरामद किया है, साथ ही नकली नोट छापने वाले कई उपकरण भी बरामद किए गए हैं. इस काम में शामिल रहे हैं दो अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया है.
गया के एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एक युवक को हिरासत में लिया गया था जिसकी निशानदेही पर यह कार्रवाई की गई है. नकली रुपए ये गैंग खुद खपाता था. फिलहाल इसके आगे और पीछे के बारे में भी पूछताछ पकड़े गए अपराधियों से की जा रही है. एसएसपी ने बताया कि लगातार अपराधियों गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि बरामद 4 लाख 83 हजार में से 50, 100, 200 और 500 के जाली नोट शामिल हैं. ये गैंग करीब 4 माह से नकली नोट बनाने का धंधा कर रहा था.
जानकारी के मुताबिक यह गिरोह यूट्यूब से वीडियो देखकर जाली नोट बनाना सीखा था और अब तक 5 लाख रुपए का जाली नोट बना चुका था जिसमें 25000 बाजार में खपा दिया गया था. देखने में यह नोट काफी निम्न क्वालिटी के हैं. पुलिस ने नकली नोट छापने में उपयोग लाये जा रहे प्रिंटर, कटर मशीन और उपकरण भी बरामद किया है. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी लाखों रुपए के नकली नोट छाप रहे थे, इस एंगल से भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है.
गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है और इसके आगे और पीछे के लोग की जानकारी ली जा रही है. पकड़े गए लोगों में से कुरवामा गांव के वीरेंद्र कुमार और टनकुप्पा थाना क्षेत्र के रहने वाले अनुज कुमार के रूप में पहचान हुई है.