हाईकोर्ट के अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा पर हुई फायरिंग कांड का पुलिस ने किया खुलासा , तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
रांची. रांची के सुखदेव नगर इलाके में हाईकोर्ट के अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा पर हुई फायरिंग कांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अधिवक्ता पर हमले के पीछे एक करोड़ रुपये के लेन देन का विवाद सामने आया है. वहीं ये बात भी सामने आई है कि गोलीबारी की वारदात को अंजाम उसी दोस्त ने दिलवाया जिसने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई और रवि शंकर को घायल अवस्था में अस्पताल भी ले गया.
सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में अधिवक्ता रवि शंकर पर 11 फरवरी को गोलीबारी हुई थी. हमले की साजिश उसके ही करीबी दोस्त विक्रम अग्रवाल ने रची थी. साजिश के तहत रवि शंकर को विक्रम ने अपने घर बुलाया और फिर जब रवि शंकर विक्रम अग्रवाल के घर से वापस लौटने लगे. इसी दौरान घात लगाए बैठे शूटरों ने रवि को गोली मार दी. गोली लगने के बाद किसी तरह बचते हुए रवि शंकर विक्रम के घर पहुंचे जिसके बाद विक्रम ने रवि को अस्पताल पहुंचाया और पुलिस को भी सूचना दी.
मामले की जानकारी देते हुए रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पूरी कहानी पैसा ब्याज पर देने से जुड़ा है. अधिवक्ता रवि शंकर ने 10 लाख रुपए विक्रम अग्रवाल को हाई इंट्रेस्ट पर दिए थे. 10 लाख रुपए के बदले रवि को 30 लाख रुपए मिलने वाले थे, जिसमें से विक्रम ने 20 लाख रुपए रवि को दे भी दिया था. इसी बीच रवि को यह जानकारी मिली कि विक्रम की कोलकाता में 63 कट्ठा जमीन है, जिसे वह मॉर्गेज रख 30 करोड़ रुपए लोन लेना वाला है.
इसकी जानकारी मिलने के बाद रवि भी 1 करोड़ रूपए मांगने लगा और उसे परेशान करने लगा, जिसके बाद विक्रम ने उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची. विक्रम अग्रवाल ने अपने दोस्त संजय अग्रवाल के माध्यम से शूटरों को कॉन्टैक्ट किया और 05 लाख की सुपारी दे दी. शूटर्स को एडवांस के तौर पर 55 हजार रुपए दिए गए थे. बाकी पैसे काम होने के बाद देना था. हालांकि पैसे किस वजह से रवि शंकर ने विक्रम को दिए थे और किन वजह से इतने हाई इंट्रेस्ट पर विक्रम ने रवि से लिए थे ये जांच का विषय है. जिसे लेकर पुलिस घायल रवि से भी पूछताछ कर सकती है.