अपने ही बुने हुए जाल में फंस गए भूपेश : बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर. महादेव बेटिंग एप मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भाजपा भूपेश बघेल और कांग्रेस के खिलाफ हमलावर है. इस संबंध में डिप्टी सीएम अरुण साव ने बिलासपुर और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि महादेव बेटिंग एप को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो बयानबाजी की है, भाजपा और सरकार पर जो आरोप लगाया है वो निराधार और बेबुनियाद है.

उनका आरोप लगाना वैसा ही है जैसे चोर की दाढ़ी में तिनका. भूपेश बघेल मुख्यमंत्री जैसे पद पर रहे हैं. उन्हें न्यायालयीन और कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए. एक तरफ वे दावा करते हैं कि महादेव बैटिंग एप मामले में जांच की कार्रवाई हमने शुरू की और उसी जांच के क्रम में जब एफआईआर दर्ज होती है तब वे बौखला जाते हैं. पेट में दर्द होने लगता है. आगे उन्होंने कहा कि ना तो चुनाव से एफआईआर का कोई लेना देना है, ना राजनीतिक विद्वेशवश एफआईआर किया गया है. केवल जांच प्रक्रिया के क्रम में एफआईआर दर्ज हुई है. यह जांच की सतत प्रक्रिया का हिस्सा है.

वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर में प्रेसवार्ता को संबोधित किया. उन्होंने पूर्व सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि चोरी ऊपर से सीना जोरी के तर्ज पर भूपेश बघेल रायपुर से भाग कर राजनांदगांव गए. महादेव सट्टा एप के नाम पर पहले एफआईआर उन्होंने ही दर्ज कराया था. अपने ही बुने हुए जाल में वह खुद फंस गए हैं. गिरफ्तार आरोपी और अधिकारियों से उनके क्या संबंध है उन्हें बताना चाहिए. इतने सारे घोटाले किए, अभी तो एक ही घोटाले में उनका नाम आया है. असीम दास के बयान को वो सही मानते हैं या नहीं..? शुभम सोनी के वीडियो जो सामने आए थे उसके बारे में भूपेश बघेल का क्या कहना है? आज तक कोई तथ्यात्मक बयान नहीं आया है.

बृजमोहन ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के 10 लाख युवाओं को महादेव एप सट्टे में उलझाकर रखने की दोषी कांग्रेस और भूपेश बघेल है. इनके लोगों की जमानत याचिका खारिज हुई है. क्या इनको न्याय पालिका पर विश्वास नहीं है ? ED, EOW की कार्रवाई पर विश्वास नहीं है क्या ? राजनीतिक मुकदमे दर्ज करने का इतिहास बीजेपी का नहीं है. ये उनका इतिहास है. बीजेपी को सरकार को इन सब कामों की फुरसत नहीं है. हम मोदी की गारंटी पर काम कर रहे हैं. भूपेश बघेल को जांच में सहयोग करना चाहिए ना कि धमकी और जांच से भागना चाहिए.

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