कांकेर के मतदाताओं का स्थानीय प्रत्याशी पर ही विश्वास

रायपुर।  बस्तर से अलग होकर कांकेर जिले के गठन के बाद से यहां की लोकसभा सीट पर अब तक स्थानीय प्रत्याशी पर ही मतदाताओं ने विश्वास जताई है। यहां से बस्तर के टाइगर कहे जाने वाले कांग्रेस नेता महेन्द्र कर्मा ने भी वर्ष-1998 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा।भाजपा के सोहन पोटाई ने महेन्द्र कर्मा को पराजित किया था। लोकसभा चुनाव-2024 के लिए भाजपा ने यहां से अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग को प्रत्याशी बनाया है। वे पूर्व सरपंच, पूर्व जनपद अध्यक्ष रहने के साथ ही पूर्व विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस से बस्तर सांसद दीपक बैज के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है। रायपुर और जगदलपुर के बीच स्थित कांकेर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें से छह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

इन विधानसभा सीटों में गुंडरदेही, संजारी बालोद, सिहावा (एसटी), डोंडी लोहारा (एसटी), अंतागढ़ (एसटी), भानुप्रतापपुर (एसटी), कांकेर (एसटी) और केशकाल (एसटी) शामिल हैं। मूल रूप से बस्तर जिले का हिस्सा रहा कांकेर वर्ष-1998 में एक अलग जिला बनाया गया था। ऐतिहासिक रूप से वर्ष-1996 तक इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का प्रभाव रहा, जिसके बाद भाजपा प्रमुख बनकर उभरी। राज्य के गठन के बाद से ही कांकेर लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होती रही है।

अरविंद नेताम के बाद बना भाजपा का गढ़

कांग्रेस के अरविंद नेताम यहां से पांच बार सांसद रहे। वे इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव सरकार में भी मंत्री रहे। उनके पिता विधायक थे। उन्होंने कभी लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में सोचा नहीं था, लेकिन 1971 के दूसरे चुनाव में उन्हें कांग्रेस से टिकट मिली और उन्होंने जीत दर्ज की।

इसके बाद वर्ष-1980 में अरविंद नेताम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। फिर वे 1991 तक लगातार सांसद चुने गए। वहीं, 1996 में उनकी पत्नी छबीला नेताम भी कांग्रेस से ही सांसद बनीं। इसके बाद वर्ष-1998 से यह लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ बन गया है। भाजपा के किले को कांग्रेस विगत छह चुनावों में भेद नहीं पाई है।

कांकेर जिला बनने के बाद चुनावी इतिहास

वर्ष- 1998 में कांकेर के भाजपा उम्मीदवार सोहन पोटाई को मिली जीत

वर्ष- 1999 में भाजपा के सोहन पोटाई दोबारा सांसद बने

वर्ष- 2004 में भाजपा के सोहन पोटाई को तीसरी बार जीत मिली

वर्ष- 2009 में भाजपा के सोहन पोटाई चौथी बार सांसद बने

वर्ष- 2014 में अंतागढ़ के भाजपा प्रत्यशी विक्रम उसेंडी सांसद बने

वर्ष- 2019 में कांकेर के भाजपा उम्मीदवार मोहन मंडावी बने सांसद

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