अशोका बिरयानी के दो स्टाफ की मौत: धरना स्थल पर पहुंचे डिप्टी CM, 15-15 लाख रुपये का मुआवजा,प्रबंधन पर केस दर्ज
रायपुर /- पूरा मामला रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र के लभांडी स्थित अशोका बिरयानी का है। यहां के स्टाफ ही गटर साफ करने के लिए टैंक पर उतरे हुए थे। किसी जहरीली गैस की वजह से दोनों की वहीं मौत हो गई। इस घटना के दूसरे दिन मृतकों के परिजनों ने देर रात तक जमकर हंगामा कर दिया। धरना पर बैठे मृतक के परिजनों के साथ ही रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू भी बैठ गए। कुछ देर बाद धरसींवा विधायक अनुज शर्मा भी आये। परिजनों के साथ देने के लिए छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के पदाधिकारी भी घटना स्थल में पहुंचे। साथ ही साहू समाज के पदाधिकारी भी वहां मौजूद रहे।
धरना पर बैठे परिजनों से मिलने देर रात डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा अशोका बिरयानी सेंटर पहुंचे। उन्होंने परिजन को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तेलीबांधा पुलिस ने अशोका बिरयानी सेंटर प्रबंधन पर गैर इरादतन हत्या का भी मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही एमडी केके तिवारी, सीईओ सनाया तिवारी, जीएम रोहित चंद, ब्रांच मैनेजर रोमिना मंडल पर धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पत्रकारों से मारपीट करने पर जीएम रोहित चंद और बीएम रोमिना मंडल की गिरफ्तारी हो चुकी है।
गुरुवार को गटर साफ करने के दौरान इलेक्ट्रीशियन नीलकुमार पटेल और डेविड साहू की मौत हो गई थी। मृतक डेविड साहू की बहन खुशी साहू ने बताया कि अशोका बिरयानी से फोन आया कि आपके भाई का एक्सीडेंट हो गया है। कुछ देर बाद बताया गया कि आपके भाई का पैर फिसल गया और ओ गटर में गिर गया है। इस तरह से झूठ बोकर ओ लोग लगातार गुमराह करते रहे। उन्होंने बताया कि जब दोनों को बाहर निकाला गया, तो एक की मौत हो चुकी थी, लेकिन दूसरा इंसान बेहोशी की हालत में था। उन्होंने कहा कि होटल वाले उसे लगभग 20 मिनट तक इधर से उधर करते रह गए,लेकिन उसका इलाज सही समय पर नहीं करवाए। इनकी लापरवाही से उसकी जान चली गई।
मृतक नीलकुमार पटेल के भाई दिनेश पटेल ने बताया कि नीलकमल अशोका बिरयानी सेंटर में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। उसपर दबाव बनाकर उसे गटर में उतारा गया है। घटना के बाद होटल प्रबंधन ने मौत की अलग-अलग वजह बताई। उन्होंने बताया कि मृतक के डेढ़ साल का बच्चा भी है। मृतकों के परिजनों ने गैर इरादतन हत्या का आरोपी लगाया है।
परिजनों ने दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने एक करोड़ रुपये मुआवजा की मांग की। इस पर प्रबंधन की ओर से दोनों मृतकों के परिजन को 15-15 लाख रुपये की मुआवजा देने की सहमति बनी। साथ ही जीवनभर 15-15 हजार रूपए प्रतिमाह भी देगा। इसके बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए शव को ले गए।