कोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
रायपुर /- छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की एक अदालत ने राज्य में कथित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को रविवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जांच एजेंसी के वकील सौरभ पांडे ने कहा कि टुटेजा को प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को गिरफ्तार किया था, लेकिन सातवें सिविल जज (द्वितीय श्रेणी) रंजू वैष्णव की अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित अपनी पिछली एफआईआर को रद्द करने के बाद ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में एक नया मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया था। शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि कोई अनुसूचित अपराध नहीं था और इसलिए, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है।
शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर ने जनवरी में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 471 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। जांच एजेंसी के वकील सौरभ पांडे ने कहा कि पांडे ने कहा, चूंकि आईपीसी और पीसी अधिनियम की ये धाराएं धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अनुसूचित अपराध के तहत आती हैं, इसलिए ईडी के रायपुर जोनल कार्यालय ने एक नया मामला दर्ज किया।
इससे पहले ईडी की टीम ने रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को गिरफ्तार किया था। आबकारी घोटाला मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और यश टुटेजा अपना बयान दर्ज करवाने के लिए एसीबी और ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान ईडी की टीम अनिल टुटेजा और यश टुटेजा को एसीबी और ईओडब्ल्यू ऑफिस से अपनी कार में बैठाकर रवाना हो गई थी। यह कार्रवाई ईडी के छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय ने की थी। यह केस हाल ही में जांच एजेंसी ने अपने हाथ में लिया है।
बता दें कि एसीबी और ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाला केस में अनिल टुटेजा और यश टुटेजा का नाम भी शामिल है। नई एफआईआर में दोनों का नाम दर्ज किया गया है। बताया जाता है कि ईडी ने पूछताछ के लिए दोनों को हिरासत में लिया था । ईडी ने ईओडब्ल्यू कार्यालय में दोनों से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की थी।
जानें क्या हैं दो हजार करोड़ का शराब घोटाला
ईडी की जांच के मुताबिक, पूर्व कांग्रेस सरकार में उच्च स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था। छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। साल 2019-22 में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक काले धन की कमाई हुई। मनी लॉन्ड्रिंग मामला 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा है। पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी हुई। प्रति शराब मामले के आधार पर राज्य में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया। ईडी के मुताबिक, डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली गई थी।