मां क्रंदन सुनकर कांप गया कलेजा, एकतरफा प्यार में सिरफिरे ने बुझाया घर का चिराग

 मेरठ/- मेरठ के मलियाना में एलकेजी के छात्र बंसी का शव बरामद होने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मां भारती बेटे के शव को गोद में लेकर विलाप करती रही। बिलखती हुई मां के क्रंदन को जिसने भी सुना उसका कलेजा कांप उठा। वहीं घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों और परिजनों ने हंगामा कर दिया। पुलिस ने किसी तरह परिजनों को मनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

आरोपी सुमित के थाने में होने के चलते सभी महिलाएं और पुरुष टीपीनगर थाने पहुंच गए। उन्होंने सुमित को उनके हवाले करने की मांग कर दी। परिजन विलाप करते हुए कह रहे थे कि जिस तरह से सुमित ने मासूम की हत्या की है, उसको भी वैसी ही सजा मिलनी चाहिए। मां और बहन का विलाप देखकर हर कोई भावुक हो उठा। हर कोई यही कह रहा था कि मासूम की इतनी बेरहमी से हत्या करते हुए दरिंदे के हाथ नहीं कांपे।
मां रोते हुए बस यही कहती रही कि मेरा बच्चा कितना तड़पा होगा। पिता निर्दोष सिंह रोते हुए बार-बार यही कह रहे थे कि मासूम बेटा पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो हाहाकार मच गया। हर किसी की रुलाई फूट पड़ी। मोहल्ले के लोग परिजनों को देखकर यही कह रहे थे कि जिस दरिंदे ने इस घटना को अंजाम दिया है, उसको भी ऐसी ही सजा मिले।

कई घंटे तक थाने में पूछताछ करते रहे एसपी सिटी
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह कई घंटे तक टीपीनगर थाने में मौजूद रहे। उन्होंने परिजनों को विश्वास दिलाया कि जो भी आरोपी होगा उसे सख्त सजा दिलाएंगे। कई घंटे तक चल पूछताछ में सुमित खुद को बेकसूर बताता रहा। उसका कहना था कि उसे हत्या के बारे में कुछ नहीं पता। पुलिस ने इस मामले में कई और युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। रात नौ बजे तक सुमित पुलिस से यही कहता रहा कि उसने बंसी को नहीं मारा।

पुलिसकर्मियों ने गंभीरता से नहीं लिया मामला
बंसी के पिता निर्दोष ने बताया कि रात को 10 बजे पुलिस चौकी पर बच्चे के अगवा होने की सूचना दी गई। पुलिस की फैंटम मौके पर पहुंची। बच्चे का नाम पता लिखने के बाद पुलिसकर्मी वापस लौट गए। उसके बाद कोई पूछने नहीं आया। जिसके बाद परिवार वाले रातभर खुद ही बिजली बंबा के आसपास बच्चे की तलाश में जुटे रहे।

बंसी की बहन को एकतरफा चाहता था सुमित
निर्दोष के परिवार में पत्नी भारती, बड़ा बेटा सुमित, बेटी संगीता और छोटा बेटा बंसी था। परिजनों ने बताया कि सुमित पुत्र जीतू उनकी बेटी को परेशान करता था। वह उसे साथ चलने के लिए कहता था। इससे परेशान होकर उन्होंने बेटी को रिश्तेदारी में मौसी के घर गुरुग्राम भेज दिया था। इसके बाद से ही सुमित उनसे रंजिश रखे हुआ था। सुमित ने कई बार उनके बड़े बेटे सुमित को जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद अब उसने छोटे बेटे बंसी को मार डाला।

सुमित को परिजनों ने मौके से पकड़ा
बंसी का शव जब गड्ढ़े से बरामद हुआ तो सुमित भी वहीं मौजूद था। बंसी के परिजनों ने सुमित को पकड़कर उस पर हत्या करने का आरोप लगा दिया। पुलिस सुमित को उनसे छुड़ाकर थाने लाई। निर्दोष सिंह गुर्जर समाज से हैं, आरोपी सुमित दलित समाज से है।

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