अमीर – गरीब की खाई पाटने क्या कदम उठा रही सरकार

सांसद दीपक बैज ने लोस में उठाए कई प्रश्न, मिले सभी के जवाब

बस्तर 14 Feb, (Swarnim Savera) । लोकसभा में हमेशा मुखर रहने वाले बस्तर के कांग्रेस सांसद दीपक बैज ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 6 से 13 फरवरी के बीच अनेक मुद्दे उठाए। उन्होंने वित्त मंत्री से जानना चाहा कि देश में असमानता का स्तर क्यों बढ़ रहा है, अमीर गरीब के बीच की खाई को पाटने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है ? इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सितारमन ने विभिन्न योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी योजनाओं के जरिए गरीबों और असक्षम लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने सरकार ठोस पहल कर रही है।

 श्री बैज के प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार का लक्ष्य देश की पूरी आबादी का जीवन बेहतर बनाना है। कोविड के दौरान से गरीब परिवारों और रोजगार से वंचित हो चुके लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराकर राहत पहुंचाई गई, जन धन खाताधारक महिलाओं के बैंक खातों में सीधे रकम भेजी गई, सभी समुदायों को राहत पहुंचाने का काम किया गया। वित्त मंत्री ने किसान सम्मान निधि, उज्जवला योजना, अम्ब्रेला योजना समेत अन्य योजनाओं का जिक्र किया। सांसद दीपक बैज ने रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से जानना चाहा कि ट्रेनों में आम दिनों के दौरान और त्यौहारी सीजन में कितने सामान्य कोच जोड़े गए। इसके जवाब में रेलमंत्री ने बताया कि बीते पांच सालों में विभिन्न ट्रेनों में सामान्य कोच की संख्या 876 बढ़ाई गई है एवं त्योहारों के दौरान 1684 कोच बढ़ाए गए। सांसद दीपक बैज ने जोशीमठ त्रासदी पर भी मुद्दा उठाया और सरकार द्वारा ऐसी घटनाएं रोकने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी मांगी। वन, जलवायु परिवर्तन मंत्री ने बताया कि चमोली जिले में तथा जोशीमठ के आसपास सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है।प्रभावितों के लिए राहत एवं पुर्नवास के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सांसद दीपक बैज ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से जानना चाहा कि एम्स तथा इसी तरह के अन्य चिकित्सा संस्थानों की बेड क्षमता कितनी है, डॉक्टर्स और स्टॉफ के रिक्त पद भरने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? इसके जवाब में बताया गया कि बेड की संख्या पर्याप्त है, नए खोले जा रहे एम्स में रिक्तियों को भरने के लिए चयन समिति का गठन किया गया है। प्रोफेसर और एडिशनल प्रोफेसर की सीधी भर्तियों के लिए आयु सीमा को 50 वर्ष से बढ़ाकर 58 वर्ष कर दिया गया है।अप्रवासी भारतीयों को संकाय पदों पर नियुक्त करने की अनुमति प्रदान की गई है। नर्सिंग संवार्गों की भर्ती के लिए केंद्रीयकृत प्रक्रिया शुरू की गई है।

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