समर कैंप में छत्तीसगढ़ी लोक गीतों का सैद्धांतिक और प्रायोगिक अभ्यास
Bhilai, /- बच्चों की मौलिक प्रतिभा को अवकाश के दरमियान निरंतर विकसित करने की दृष्टि से संचालक लोक शिक्षण संचालनालय नवा रायपुर,जिलाधीश महोदया दुर्ग एवं जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग के विभागीय निर्देश पर प्राचार्य जे.पी. श्याम के मार्गदर्शन में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय चरोदा में संकुल स्तरीय समर कैंप का आयोजन उत्साह के साथ किया जा रहा है। इसमें कला शिक्षा प्रभारी शिक्षक राम कुमार वर्मा व संकुल समन्वयक रेणु मोहंती के संयोजन में बच्चों को दैनिक योगाभ्यास सहित सर्वधर्म प्रार्थना, सरस्वती वंदना के साथ स्थानीय लोक कलाओं को शैक्षिक विषय वस्तुओं के साथ जोड़ने तथा हस्तकलाओं की सैद्धांतिक जानकारी देकर उसके व्यावहारिक उपयोग को शैक्षिक रुप देने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है। इसमें आसपास के 75 विद्यार्थियों को शामिल किया गया है। इसमें बच्चों के बौद्धिक विकास, क्षेत्रीय कलाओं के प्रति शैक्षिक दृष्टिकोण, गणित, विज्ञान और भाषाई कौशलों के विकास के लिए निरंतर लोक कथाओं का संकलन, वाचन, बहादुर बच्चों तथा उनके कारनामों से परिचित कराने की दृष्टि से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित बच्चों की पुस्तक *पुरस्कृत बच्चों की गौरवगाथाएं* संजीव गुप्ता की लिखित व सुरभि प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक की कहानियों का वाचन कुमारी आरुषि ने किया । साथ ही संकट व आकस्मिक आपदाओं से निपटने में बच्चों के योगदानों को रेखांकित किया गया। छत्तीसगढ़ी लोकगीत के सैद्धांतिक और व्यावहारिक अभ्यास कराते हुए कला शिक्षक लखेश्वर साहू ने लोकगीतों में समाहित सांस्कृतिक तत्वों और लोक कल्याणकारी भावनाओं को बच्चों में उभारने का प्रयास किया गया । इनके द्वारा माता सेवा गीत, पंथी गीत, सोहर गीत, राज गीत, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत सर्वधर्म प्रार्थना, ‘राम आएंगे तो अंगना बुहारुंगी’ जैसे लोकप्रिय भजनों का गायन कराया गया। हस्तकला अभ्यास के दरमियान जापानी कला ओरिगामी द्वारा ग्रीटिंग कार्ड का निर्माण कला शिक्षा राम कुमार वर्मा द्वारा कराया गया। इसमें संकुल समन्वयक रेणु मोहंती, अमित, निधिता, नेहा साहू, गीतिका पटेल शिक्षिका चरोदा बस्ती ने सक्रियता के साथ सहयोग किया। अवकाश के दिनों में बच्चों को पढाई- लिखाई, शैक्षिक गतिविधियों से निरंतर जोड़े रखने तथा बौद्धिक और हस्त कलाओं के निर्माण की क्रियाकलापों को संचालित करने के लिए बीईओ पाटन प्रदीप महिलांगे, आकांक्षा अगरवाल एबीओ पाटन, जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग अरविंद मिश्रा, शिक्षक खिलेश वर्मा सहित उपस्थित पालक सीमा साहू, पिंकी पंडा, के.पी. सिंह, बरातु राम, भारती साहू, युवराज सिदार ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है।