संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने पत्र लिखकर सीएम बघेल का आभार माना
कोटा में छात्रावास निर्माण के फैसले को बताया दूरदर्शी कदम
- हर साल बस्तर अंचल समेत छत्तीसगढ़ के हजारों विद्यार्थी जाते हैं कोचिंग लेने
जगदलपुर 27 Feb, (Swarnim Savera) । संसदीय सचिव व जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन ने पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार माना है और कहा है कि उनका यह कदम बस्तर समेत राज्य के उन हजारों विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगा जो हर साल राजस्थान के कोटा में नीट व ट्रिपल आइटी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए जाते हैं। ज्ञात हो कि छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कोटा शहर में एक एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि वहां छत्तीसगढ़ के बच्चों के लिए छात्रावास का निर्माण कराया जा सके। पत्र में कहा गया है कि हर साल बस्तर अंचल के सैकड़ों विद्यार्थी डाक्टर या इंजीनियर बनने की परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा जाते हैं। बच्चों का भविष्य गढ़ने के लिए उनके माता- पिता अपना सर्वस्व लगा देते हैं जिसका असर उनकी आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से बस्तर के हजारों परिवारों को आर्थिक परेशानियों से निजात मिलेगी। साथ ही, दिल्ली की तर्ज पर हॉस्टल का संचालन किए जाने से संबंधित विभाग में भी नौकरी के दरवाजे खुलेंगे। इससे बेरोजगार युवक- युवतियों का नियोजन सरकारी विभाग में होगा। श्री जैन ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के इस प्रयास को दूरदर्शी तथा राज्य व बस्तर हित में उठाया गया बेहतरीन कदम बताया है।
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कोरोना काल में भी बघेल- जैन ने की थी मदद
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में आए कोरोना की पहली लहर के दौरान भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कोटा में फंसे बस्तर संभाग के सैकड़ों विद्यार्थियो को वहां से लाने में मदद की थी। तब श्री जैन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कोटा बस भेजकर कोचिंग ले रहे बस्तर संभाग के विद्यार्थियों को लाने की मांग की थी। सीएम श्री बघेल ने मानवीय व संवेदनशील कदम उठाते न केवल बसों की व्यवस्था करवाई थी अपितु यहां से अधिकारियों को भेजने भी निर्देशित किया था। परिणामस्वरूप अप्रैल 2020 को कोटा राजस्थान से बस्तर के सैकड़ों विद्यार्थी सुरक्षित तरीके से अपने घरों तक पहुंचाए गए थे। बच्चों को कोटा से लाकर घरों तक सुरक्षित पंहुचाने में तब संसदीय सचिव श्री जैन ने सकारात्मक, लोक हितैषी व मार्मिक पहल की थी जिसे आज भी संबंधित परिवारों के साथ आम जन मानस के द्वारा याद किया जाता है।