बहराइच: मूर्ति विसर्जन के दौरान छत से चलाए पत्थर, युवक को घर में घसीट कर मारी गोली, सांप्रदायिक तनाव
बहराइच/ बहराइच जिले के महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार की शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे पर बज रहे गाने को लेकर विवाद हो गया। गाने के विरोध में दूसरे समुदाय के युवकों ने गाली-गलौज की और छत से पत्थरबाजी कर दी। बताया जाता है कि पत्थर चलने से मां दुर्गा की प्रतिमा खंडित हो गई। जिससे दूसरे समुदाय ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोप है कि प्रदर्शन दौरान दूसरे समुदाय के लोग एक युवक को घर के अंदर पकड़ ले गए और गोली मार दी। जिससे रेहुवा मंसूर निवासी रामगोपाल मिश्रा(24) की मौत हो गई। वहीं उसे बचाने पहुंचा राजन(28) भी गंभीर रुप से घायल हो गए। यही नहीं लगभग एक दर्जन अन्य लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। स्थिति को काबू में करने के लिए मौके पर छह थानों की पुलिस व पीएसी तैनात है। एसपी वृंदा शुक्ला समेत अन्य आला अधिकारी महराजगंज में कैंप कर रहे हैं।
घटना को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महसी तहसील की प्रतिमा शांति पूर्वक विसर्जन के लिए जा रही थी। महराजगंज कस्बे में पहुंचने पर कस्बा निवासी सोनार अब्दुल हमीद अपने बेटे सबलू, सरफराज व फहीम के साथ मौके पर पहुंचे और गाली गलौज शुरु कर दी। मूर्ति के साथ चल रहे लोगों ने जब इसका विरोध किया तो छतों से पत्थरबाजी कर दी। जिसमें मां दुर्गा का हाथ खंडित हो गया। जिसके बाद विसर्जन रोक कर लोगों ने प्रदर्शन शुरु कर दिया। आरोप है कि इस दौरान हमीद व उनके साथ मौजूद हजारों की भीड़ मौके पर पहुंची और उपद्रव शुरु कर दिया। जिससे मौके पर भगदड़ मच गई।घटना की जानकारी होने पर एसपी वृंदा शुक्ला भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने का प्रयास शुरु किया। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि मौके पर दो प्लाटून पीएसी तैनात की गई है। साथ ही छह थानों की पुलिस भी मौजूद है। स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही प्रकरण की जांच की जा रही है।
विसर्जन जुलूस में शामिल लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि भगदड़ के दौरान दूसरे समुदाय के लोग विसर्जन में शामिल रेहुवा मंसूर निवासी रामगोपाल मिश्रा(24) को घसीट कर अपने घर में ले गए। आरोप है कि वहां उसकी बर्बरता के साथ पिटाई करते हुए उसके पैर के नाखून उखाड़ लिए और उसे कई गोलियां मारी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसे बचाने पहुंचे उसी के गांव के रहने वाले राजन(28) भी गंभीर रुप से घायल हो गए। पुष्टि के लिए उन्हें मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक भरत पांडेय ने मौत की पुष्टि कर दी। वहीं राजन का इलाज जारी है। राजन के अतिरिक्त लगभग एक दर्जन लोग घायल बताए जा रहे हैं, जो अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं।
महराजगंज घटना की आग देखते ही देखते पूरे जिले में फैल गई है। आक्रोशित विसर्जन कमेटी के लोगों ने जहां बहराइच-सीतापुर हाईवे पर चहलारी घाट पुल के पास जाम कर प्रदर्शन शुरु कर दिया है। तो वहीं फखरपुर कस्बे में बहराइच-लखनऊ हाईवे जाम है। यही नहीं शहर के घंटाघर पर दुर्गा पूजन महासमिति ने भी विसर्जन रोक दिया है और सैकड़ो मूर्तियां ख़ड़ी हो गई हैंं। पूजन समिति के पदाधिकारी समेत हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
शव रखकर शुरू हुआ प्रदर्शन
मेडिकल कॉलेज में रामगोपाल की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज में भी प्रदर्शन व नारेबाजी की गई। वहीं इसके बाद आक्रोशित लोग शव लेकर मेडिकल कॉलेज के बाहर पहुंचे और सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन शुरु कर दिया। यही नहीं मेडिकल कालेज के पास से गुजर रही मूर्तियां भी रोक दी गई हैं और प्रदर्शन जारी है।
महसी के महराजगंज में हुई घटना के बाद सबसे ज्यादा आरोप पुलिस व प्रशासन पर लगे हैं। घटना के बाद लोगों ने आरोप लगाया कि गाने को लेकर जब गाली गलौज की गई तो पुलिस व प्रशासन के लोाग मूकदर्शक बने रहे। यही नहीं आरोप है कि मौके पर एसओ मौजूद भी नहीं रहे। लोगों ने आरोप लगाया कि जब पत्थरबाजी हुई और लोगों ने प्रदर्शन किया तो पुलिस ने विसर्जन में शामिल लोगों पर ही लाठी चार्ज कर दिया। जिससे भगदड़ मच गई और दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल को उठा ले गए और उसे गोली मार दी।