आंखों में खौफ, जुबां खामोश: कश्मीर से बड़ी संख्या में घरों को लौटने लगे प्रवासी, अचानक से स्टेशन पर बढ़ी भीड़
जम्मू/ सोचा था खुशी-खुशी घर जाएंगे, नहीं जानते थे कि यूं डर के साथ जाना होगा। हम लोग एक साथ आए थे एक साथ जा रहे। जम्मू स्टेशन पर मंगलवार की रात मौजूद प्रवासियों की भीड़ के बीच, जिससे भी पूछो बस यही जवाब मिल रहा था। स्टेशन की घड़ी यही कोई रात के 11.30 बजा रही थी। अमर उजाला की टीम ने एंट्री के साथ ही एक-एक कर पूछना शुरू किया। हर किसी की आंख में कहीं न कहीं एक डर था, जो उन्हें बोलने नहीं दे रहा था। खैर, बहुत कुरदने पर उन्होंने टुकड़ों में बोलना शुरू किया। अपने डर को उन्होंने कभी बदले मौसम तो कभी त्योहार का बहाना दिया। पर गांदरबल में हुए आतंकी हमले का खौफ कहीं न कहीं उन्हें परेशान किए था।
माहौल कुछ बदला सा है
एक लाइन से हर किसी ने बताया कि वो श्रीनगर से आ रहे। शबीर की उम्र यही कोई 18 से 20 साल के आसपास होगी। बोला वहां ईंट बनाते हैं। क्यों जा रहे, इस सवाल पर खामोश, बगल में बैठा साथी बोला, माहौल कुछ बदला है, देखते हैं कि फिर कब आना होगा।
शाबिर के आसपास बैठे लोगों ने खामोशी ओढ़ ली। बस इतना ही कहा कश्मीर से आए, अपने घर पश्चिम बंगाल जा रहे हैं। उसे विश्वास में लेने के लिए कहा कि हम भी कोलकाता से हैं, तुम्हारे घर के पास से आए है। तब जाकर उसकी झिझक मिटी। उनमें से एक साहिल ने बताया कि हम लोग वहां लंबे वक्त से हैं। 13 लोग हैं। गांदरबल का जिक्र करते ही, फिर वे एक दूसरे का मुंह देखने लगे। इसके बाद एक संशय भरी नजर से उन्होंने देखा और कहा कि हमें कुछ नहीं मालूम। बस घर जा रहे, देखते हैं दोबारा कब आएंगे। बोला- हम लोगों की ट्रेन कल आएगी। बहुत सारे लोग आए थे दोपहर में यहां, चले गए। उनमें से कुछ गांदरबल के भी थे।
दोपहर में पौने तीन के आसपास उमड़ा था रेला
इस बीच एक-एक से बात के दौरान मौजूद रेलवे सुरक्षा में लगे कर्मियों ने आगे बढ़ने से मना किया। कहा कि बिना अनुमति हम किसी से पूछताछ नहीं कर सकते। उस भीड़ से आगे बढ़ने पर कुछ दुकानवालों ने बताया कि अचानक से मंगलवार को लेबर क्लास की भीड़ बढ़ी। दोपहर में आई ट्रेन टाटा मुरी से रेला उतरा है। उनमें से अधिकतर गांदरबल से थे।
जेड मोड़ टनल बना रही कंपनी के कर्मचारी भी घर लौटे, काम करने को नहीं मिल रहे मजदूर
जेड मोड़ टनल पर काम कर रही कंपनी के गांदरबल में तैनात एचआर से बात करने की कोशिश की गई। पता चला कि वो और टीम के कई सदस्य घर को चले गए हैं। वहीं जम्मू के करीब इलाकों में चल रहे निर्माण कार्यों को शुरू कराने पहुंची वेंडरों टीम ने बताया कि मजदूरों की अचानक से कमी हो गई है। जो मजदूर मौजूद हैं, उन्होंने अपनी कीमत बढ़ा दी है, वो भी बड़ी मुश्किल से तैयार हो रहे हैं। एप्को से ही जुड़ी एक टीम का कहना है कि फिलहाल चुनौती तो है काम करवाना।