सीएम विष्णुदेव साय का बलौदा बाजार दौरा स्थगित, पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल व्यास को दी श्रद्धांजलि

 बलौदा बाजार/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बलौदा बाजार दौरा कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। आज मुख्यमंत्री का बलौदा बाजार में कार्यक्रम था, जिसमें वह विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने वाले थे। पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल व्यास के निधन होने से मुख्यमंत्री का दौरा निरस्त किया गया है। कार्यक्रम की को लेकर प्रशासन के द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई थी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे और भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल व्यास का निधन हो गया। गोपाल व्यास भाजपा के राज्यसभा सांसद रहते हुए राजनीतिक मर्यादा और सादगी का जो आदर्श प्रस्तुत किया है, वह सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाले सभी कार्यकर्ताओं के लिए आकाशदीप बनकर प्रेरणा प्रदान करेगा। 

सीएम विष्णुदेव साय ने एक्स पर लिखा, ‘हम सबके वरिष्ठ और पूर्व राज्यसभा सांसद श्री गोपाल व्यास जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक और भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य रहे, साथ ही लोकतंत्र सेनानी के रूप में वे 1975-1977 तक मीसाबंदी भी रहे। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिजनों, उनके शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। ॐ शांति!’

सीएम साय ने लिखा, ‘हम सबके अभिभावक और पथ प्रदर्शक, मध्य क्षेत्र के पूर्व क्षेत्र प्रचारक, पूर्व सांसद श्री गोपाल व्यास जी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर शोकाकुल हूं। वृहद भाजपा परिवार के भी प्रेरणापूंज ‘शीरू भैया’ का निधन वास्तव में त्याग, तपस्या, कर्मठता और सादगी के एक युग का अवसान जैसा ही है। व्यास जी का संपूर्ण जीवन न केवल समाजसेवा को समर्पित रहा, अपितु देहावसान के उपरांत उनका शरीर भी समाज के काम आएगा। अंतिम संस्कार के रूप में ‘देहदान’ का निर्णय वैसा ही है जैसे ऋषि दधीचि ने अपना अस्थि तक दान कर दिया था।’

‘निष्कलंक, निष्पाप, स्वयंसेवक स्व. व्यास जी की सरलता हम राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए भी पाथेय है। उनकी सादगी ऐसी थी कि सांसद रहते हुए भी रेल आरक्षण कराने वे स्वयं टिकट काउंटर पर कतार में खड़े हो जाते थे। भाजपा सदस्यता अभियान के तहत व्यास जी को सदस्य बनाने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा जी स्वयं उनके आवास पहुंचे थे, तब ही अंतिम बार शीरू भैया से मिलना हुआ था। उनका समूचा जीवन संदेश की तरह रहा। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर, उनके मार्ग का अनुसरण कर ही हम उनकी स्मृति को अक्षुण्ण रख सकते हैं। विनम्र श्रद्धांजलि। सादर प्रणाम।’

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