उर्दू भाषा देती है तहजीब और मोहब्बत का पैगाम भाषा : बैज
शाम – ए – उर्दू कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए सांसद =
जगदलपुर 03 March (Swarnim Savera) । छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी द्वारा यहां शाम – ए – उर्दू कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बस्तर के सांसद दीपक बैज शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इदरीश गांधी, उपाध्यक्ष नजीर अहमद कुरैशी, इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, महापौर सफीरा साहू, सदर हाजी हाशिम खान नगर निगम की लोक निर्माण समिति के सभापति यशवर्धन राव, कार्यक्रम प्रभारी सत्तार अली, मदरसा बोर्ड के सदस्य अनवर खान, हज कमेटी के सदस्य इमरान खान अतिथि थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद दीपक बैज ने कहा कि उर्दू एक ऐसी भाषा है, जो तहजीब और मोहब्बत का पैगाम देती है। हमारे देश भारत में हिंदी और उर्दू को सगी बहनों की तरह हैं और इन दोनों का अस्तित्व एक दूसरे के बिना अधूरा है। आम बोलचाल के दौरान हमारी जुबान से उर्दू के कई शब्द निकलते ही हैं। ठीक उसी तरह देश में उर्दू भाषी लोग आपस में बातचीत करते हैं, तो उनकी जुबान से हिंदी के अनेक शब्द निकल ही जाते हैं। सांसद दीपक बैज ने कहा कि हिंदी फीचर फिल्मों और गानों में उर्दू के शब्दों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। बहुत ही कम या यह भी कह सकते हैं कि हिंदी फिल्मी गीत उर्दू शब्दों के बिना पूर्णता हासिल ही नहीं कर सकते। श्री बैज ने कहा कि हमारे देश में पचासों शायर और गीतकार रहे हैं, जिन्होंने हिंदी और उर्दू भाषाओं का जबरदस्त तालमेल अपनी गजलों, नज्मों, शायरियों और गीतों में किया है। सांसद दीपक बैज ने कहा कि ये दोनों भाषाएं देशवासियों को एकता के सूत्र में बांधने का काम करती हैं, कौमी एकता का पैगाम देती हैं। हम सभी खुशनसीब हैं कि भाईचारा, कौमी एकता से लबरेज हिदुस्तान में पैदा हुए हैं। श्री बैज ने इस बात पर अफसोस जताया कि कुछ लोग सियासी फायदे के लिए हिंदुस्तानी कौमों के दरिम्यां जहर घोलने का काम कर रहे हैं। हमें ऐसी ताकतों से खबरदार रहते हुए अपने प्यारे वतन की भलाई के लिए काम करते रहना होगा। अंत में श्री बैज ने शाम ए उर्दू कार्यक्रम आयोजन के लिए आयजकों को मुबारकबाद दी। कार्यक्रम को इदरीश गांधी, नजीर अहमद कुरैशी, राजीव शर्मा, मेयर सफीरा साहू, हाजी हाशिम खान, यशवर्धन राव, अनवर खान व इमरान खान ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में सैकड़ों नागरिक मौजूद थे