पुलिस की वर्दी में फर्जी आरटीओ कर्मचारी करता रहा वसूली
पुलिस के आने से पहले आरटीओ कर्मियों ने रफूचक्कर करा दिया =
= आरटीओ के कर्मचारी गुर्गों के दम पर कर रहे हैं वाहनों से बेजा उगाही =
बस्तर 05 March (Swarnim Savera) । आरटीओ के अधिकारी कर्मचारी फर्जी पुलिस कर्मी की मदद से उगाही कर रहे हैं। इस तरह का एक मामला यहां सामने आया। बात पुलिस तक पहुंच गई, मगर असली पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरटीओ कर्मियों ने नकली पुलिस जवान को मौके से रफूचक्कर करा दिया।
राष्ट्रीय राजमार्ग -30 पर बस्तर थाना एवं कोतवाली थाना की सरहद पर बस्तर हाट के पास आरटीओ के उड़नदस्ता दल के संरक्षण में वर्दीधारी फर्जी पुलिस जवान वाहनों को रोककर उगाही में जुटा रहा। पत्रकारों की सूचना पर नगर पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार फर्जी पुलिस को पकडने पहुंची पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। सीएसपी ने उड़नदस्ता टीम को निर्देश दिया था कि फर्जी पुलिस जवान को बिठाकर रखा जाए, मगर सीएसपी के निर्देश को दरकिनार करते हुए उड़नदस्ता दल ने फर्जी पुलिस जवान को भगाने में मदद कर दी। आएदिन वाहनों के दस्तावेज एवं ओवरलोड पर नकेल कसने आरटीटो विभाग द्वारा अभियान चलाया जाता है। इस अभियान के तहत वाहनों पर जुर्माना भी लगाया जाता है। इसका परिणाम है कि वाहनों की रफ्तार एवं ओवरलोडिंग पर विराम लगा है, लेकिन विभाग के कर्मचारी विभाग की छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं फर्जी तरीके अपनाकर बेजा उगाही करने के मामले में आरटीओ विभाग का उड़नदस्ता दल हमेशा विवादों में रहता है। आरटीओ उड़नदस्ता दल के दो आरक्षक शासकीय वाहन में बैठकर बस्तर हाट के पास वाहनों की जांच पड़ताल कर रहे थे। जांच पड़ताल के लिए आरक्षकों ने भाड़े पर एक व्यक्ति को रखा था, जिसे फर्जी वर्दी पहनाकर उसे पुलिस कर्मचारी बताते हुए उसके माध्यम से वाहनों की तलाशी की जा रही थी। फर्जी पुलिस कर्मचारी वाहनों के दस्तावेजों की चेकिंग के नाम पर उगाही कर राशि को वाहनों में बैठे दो पुलिस आरक्षकों तक पहुंचा रहा था।
सीएसपी तक पहुंची शिकायत मौके पर पहुंचे नगर के एक पत्रकार ने उक्त फर्जी वर्दीधारी पुलिस से जब परिचय पत्र की मांग की, तो वह भागने का प्रयास करने लगा। उसे किसी प्रकार पकड़कर उड़नदस्ता दल के आरक्षक के हवाले किया गया था। फर्जी पुलिस कभी खुद को होमगार्ड का कर्मचारी बताता तो कभी कुछ और बताता रहा। उसने अपना नाम वीरेंद्र और जितेन्द्र बताया। फर्जी पुलिस ने स्वीकार किया कि वह इस आरक्षक के कहने पर पुलिस की वर्दी पहन कर आरटीओ कर्मचारियों के लिए काम करता है। शिकायत मिलने पर सीएसपी ने उड़नदस्ता दल के आरक्षक को फोन से निर्देश दिया था कि फर्जी पुलिस जवान को रोके रखना। लेकिन आरटीओ के आरक्षक ने सीएसपी के आदेश को दरकिनार कर कोतवाली पुलिस के पहुंचने से पहले ही फर्जी वर्दीधारी पुलिस की मदद कर उसे मौके से भगा दिया। नगर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार से कार्रवाई के संबंध में पूछने पर उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए टाल दिया।
नियमों की अनदेखी
नियम के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की जांच के दौरान सड़क के दोनों ओर ‘वाहनों की जांच जारी है’ लिखा बोर्ड लगाने का प्रावधान है। ताकि सभी वाहन इसी सीमा क्षेत्र में अपने वाहन की रफ्तार धीमी कर सकें। मापदंडो का कहीं पालन नहीं होता। इस मामले में उड़नदस्ता दल के आरक्षक से पूछने पर वह पत्रकार पर ही भड़क उठे और परिचय पत्र की मांग करने लगे