बच्चों के बीच भी बेहद लोकप्रिय हो चले हैं विधायक रेखचंद जैन
प्ले कार्ड बनाकर संसदीय सचिव जैन पर स्नेह बरसा रहे नौनिहाल =
= स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल के कार्यक्रम में दिखा जज्बा =
जगदलपुर 24 April, (Swarnim Savera) । संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक हर आयु वर्ग के लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। बड़े बुजुर्ग तो श्री जैन पर बेशुमार प्यार उंडेलते ही हैं, बच्चे भी युवा विधायक के लिए सम्मान और स्नेह का इजहार करने में जरा भी पीछे नहीं हैं। दिल की गहराइयों में उतर जाने वाला ऐसा ही दिलकश नजारा स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल जगदलपुर के एक कार्यक्रम में सामने आया। यह दृश्य देख स्वयं श्री जैन भावुक हो उठे।
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल जगदलपुर में आयोजित समर कैंप के समापन समारोह एवं पुस्तक मेला व विज्ञान मेला के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जगदलपुर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने वह सब कुछ पा लिया, जो आज तक संभवतः वे पा न सके थे। श्री के जीवन में वह घड़ी अनमोल धरोहर बन गई, जब स्कूल के विद्यार्थियों ने श्री जैन के प्रति आदर और प्रेम का इजहार कुछ अलग अंदाज में किया। स्कूल के एक छात्र और छात्रा ने अपने कोमल हाथों से बनाया हुआ प्ले कार्ड संसदीय सचिव एवं विधायक रेखचंद जैन को गिफ्ट किया। इस प्ले कार्ड में बच्चों ने अपने हाथ से लिखा है – सभी के चहेते एवं लोकप्रिय विधायक महोदय का सादर अभिनंदन व स्वागत। श्री जैन यह गिफ्ट पाकर भावविभोर हो उठे। बच्चों के मन में अपने प्रति निश्छल प्यार को महसूस कर श्री जैन की आंखें नम हो उठीं। उनके मुंह से बरबस ये बोल फूट पड़े – बच्चों का यह प्यार आज मेरी जिंदगी की अनमोल थाती बन गई है। यह प्यार मैं कभी भुला नहीं पाऊंगा। मेरी जिंदगी अब तक अधूरी थी, इन बच्चों ने उसे पूर्णता प्रदान कर दी है। इस दृश्य ने स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं को भी हर्षित कर दिया। उल्लेखनीय है कि विधायक रेखचंद जैन कोमल हृदय वाले संवेदनशील जनप्रतिनिधि माने जाते हैं। बच्चों के प्रति उनके मन में वात्सल्य कूट कूटकर भरा रहता है। कोरोना के चलते बेसहारा हो चुके बच्चों के साथ उन्होंने दीपावली का त्यौहार मनाकर उन बच्चों की बेरंग दुनिया में खुशियों के रंग भर दिए थे। बच्चों के प्रति श्री जैन की संवेदनशीलता दो दिन पहले नगरनार में भी देखने को मिली थी। नगरनार के तीन स्कूली बच्चों की मृत्यु तालाब में डूब जाने से हो गई थी। यह खबर मिलते ही श्री जैन अपने सारे जरूरी कार्यों को रोककर बच्चों के परिजनों से मिलने तुरंत महारानी अस्पताल पहुंच गए। वहां से वे बच्चों के शवों के साथ नगरनार गए और तीनों की आर्थियों को बारी बारी से कंधा भी दिया। श्री जैन की पहल पर तीनों बच्चों के परिजनों को शासन की ओर से चार चार लाख की सहायता राशि भी उपलब्ध कराई गई।