कलश यात्रा के साथ शुरू हुई बाबा रामदेव मंदिर गंजपारा में भागवत कथा

दुर्ग 23 Jully (Swarnim Savera) । बाबा रामदेव मंदिर, गंजपारा में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। कथा  23 से 30 जुलाई तक होगी। कथा के पहले दिन रविवार को  भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। बैंड बाजे के साथ निकाली गई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश उठाकर मंगल गीत गाते हुए यात्रा में शामिल हुई। वहीं श्रद्धालु श्रीकृष्ण जी की महिमा के गीतों की धुन पर पूरे रास्ते नाचते गाते भक्ति भाव में डूबे रहे। कलश यात्रा  प्रातः 10 बजे श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, सत्तीचौरा से  प्रारंभ होकर श्री बाबा रामदेव मन्दिर, गंजपारा पहुँची, कलश यात्रा में यजमान गण भागवत कथा को सिर पर धारण कर यात्रा में सबसे आगे चले। उनके साथ साथ महिलाएं कलश को अपने सिर पर धारण कर उनके साथ चली, कलश यात्रा में 101 महिलाओं ने कलश उठाया। यात्रा में कथावाचक आचार्य पण्डित वीरेंद्र महाराज, साजा वाले द्वारा गाए गए मधुर भजनों द्वारा श्रद्धालु इतने खुश हुए कि वह सारे रास्ते नाचते गाते श्रीकृष्ण की भक्ति में ही लीन हो गए। कलश यात्रा गंजपारा के विभिन्न स्थानों से होते हुए दुर्गा मंदिर पर पहुंची। इस बीच में श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा का फूलों द्वारा स्वागत किया। आचार्य वीरेंद्र महाराज, साजा वाले द्वारा विधिपूर्वक पूजन किया गया। कथा वाचक आचार्य वीरेंद्र महाराज ने श्रद्धालुओं को पावन कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहा कि कलश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है। अत: इस कलश को धारण करने वालों सहित जिस जिस क्षेत्र में यह यात्रा जाती है उन सभी के लिए अति कल्याणकारी होती है। 
     आचार्य वीरेंद्र महाराज ने पहले दिवस की कथा में कहा कि जहां भी भागवत कथा होती है, वह स्थान दिव्य हो जाता है। भागवत ज्ञान गंगा है जिस प्रकार से गंगा सभी प्रकार की पुण्य प्रदान करती है। उसी प्रकार ज्ञान गंगा है। इसके सुनने कहने से पुण्य की प्राप्त होती है। 
   बाबा रामदेव मंदिर, गंजपारा में संगीतमय भागवत कथा 23 जुलाई से 30 जुलाई तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे शाम 6 बजे तक होगी।कथा के पहले दिन कथा वाचक आचार्य डॉ विक्रांत दुबे जी ने बताया कि कथा मनुष्य को मोक्ष देने वाली है। इसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य को सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने राजा परिक्षित की कथा का वाचन किया। 
   कथा में यजमान परिवार के श्रीमती तारा पुरोहित, पिंकी संजय पुरोहित, नीतू अजय पुरोहित, रागिनी राजू पुरोहित, शीतल दीपक पुरोहित, किरण पुरोहित, ज्योति पुरोहित, अंजली विकाश पुरोहित।
     कलश यात्रा में विशेष रूप से योगेंद्र शर्मा बंटी, राजेन्द्र शर्मा, नवल अग्रवाल, अशोक राठी, मनीष दुबे, ऋषभ जैन (पार्षद) मनोज भूतड़ा, सुरेश गुप्ता, सतीश कश्यप, प्रमोद जोशी, मनीष मिसर, मदन शर्मा, मनोज शर्मा, राहुल शर्मा, विकाश पुरोहित, मयंक शर्मा, राकेश मिश्रा, पण्डित शिशु शुक्ला, हितेश पुरोहित, मोहित पुरोहित, हर्ष पुरोहित, चंदा शर्मा, मिथला शर्मा, सरिता शर्मा, नीलू पण्डा, अनिता अग्रवाल, चंदा शर्मा, कविता जोशी, सारिका शर्मा, चंचल शर्मा, किरण सेन, सुमन शर्मा, एवं सैकडो धर्मप्रेमी उपस्थित थे..।

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