डॉ. शिव कुमार डहरिया ने किया रंगमंच अभिनेता डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर का सम्मान
रायपुर 01 Aug. (Swarnim Savera) । राजा मोरध्वज कला सम्मान राजा मोरध्वज की ऐतिहासिक नगरी आरंग के टाउन हॉल में पीपला वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा लोक कला के लिए समर्पित संस्कृति के संरक्षण संवर्धन तथा अभिव्यक्ति के इस समर्पण के प्रति कटिबद्धता के लिए रंगमंच अभिनेता लोक गायक संचालक लोकरंजनी लोक कला सांस्कृतिक मंच बोड़रा, आरंग जिला रायपुर के संचालक डॉ पुरुषोत्तम चंद्राकर को गरिमामय कार्यक्रम में डॉ. शिव कुमार डहरिया, मंत्री नगरीय प्रशासन विकास एवं श्रम विभाग छत्तीसगढ़ शासन के कर कमलों से प्रदान किया गया।
इस अवसर पर भारत सरकार के सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित डॉ भारती बंधु, राष्ट्रीय कवि मीर अली मीर , चंद्रशेखर चंद्राकर, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद आरंग, अखिलेश देवांगन अध्यक्ष जनपद पंचायत आरंग, देवनाथ साहू मंडी अध्यक्ष आरंग, अंतरराष्ट्रीय रचनाकार व संगीतकार कृष्ण कुमार पाटिल, श्रीमती मंजू चंद्राकर, एल्डरमैन मंगलमूर्ति अग्रवाल, उमाशंकर चंद्राकर सरपंच ग्राम पंचायत बोड़रा, श्रीमती अनीता थान सिंह साहू, केसरी मोहन साहू, केके चंद्राकर, हेमलता डूमेंद्र साहू, नरसिंह साहू श्रीमती भारतीय देवांगन नंदकुमार ढीढी, पवन साहू, राम कुमार गुप्ता, नमन साहू, दूजे राम धीवर अध्यक्ष पीपला वेलफेयर फाउंडेशन मोरध्वज नगरी आरंग, महेंद्र पटेल, अशोक साहू कार्यक्रम के संयोजक आनंदराम कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिए।कार्यक्रम में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कहा कि लोक कला के माध्यम से समाज में मानवता, बंधुता, समता, स्वतंत्रता तथा न्याय प्रिय दायित्व का निर्वहन में महत्वपूर्ण योगदान दिया जाना चाहिए एवं सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास, जातिभेद, नशा मुक्ति, अज्ञानता, असमानता, विषमता एवं शोषण के खिलाफ जन जागृति एवं जनचेतना हम सभी कलाकारों को सतत करना चाहिए।
डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने पीपला वेलफेयर फाउंडेशन मोरध्वज नगरी आरंग का आभार व्यक्त करते हुए एवं जनसमूह को आह्वान करते हुए कहा कि कला ईश्वर की इबादत है, यह खुदा की नेमत है, कला के माध्यम से हम ईश्वर की सेवा कर सकते हैं विश्व में शांति भाईचारा मानवता एवं समानता को आगे बढ़ाने में कला का महत्व पूर्ण योगदान है कला मानव को मानव से जोड़ती है, कला मानव को सद्भावना से जोड़ती है, हम सबको अपने आचार व्यवहार से छत्तीसगढ़ की समृद्धशाली लोक कला को जन जन तक शुद्ध रूप से पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सब पर है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचल से आए लोक कलाकारों द्वारा कार्यक्रम की नयनाभिराम प्रस्तुति दी गई।