तुम्ही ने दर्द दिया, तुम ही दवा देना, गरीब जानके हमको मिटा न देना
राजमन को अब लगाना है दीपक बैज के संग लय =
= टिकट से चूके राजमन ने कहा – पार्टी नेतृत्व को मेरे खिलाफ गलत मैसेज दिया =
*-अर्जुन झा-*
*लोहंडीगुड़ा।* टिकट कट जाने से चित्रकोट के मौजूदा विधायक राजमन बेंजाम का दर्द छलक रहा है। तुम्ही ने दर्द दिया, दवा तुम ही देना, गरीब जानके हमको तुम मिटा न देना…., गीत को शायद राजमन बेंजाम के जैसे दर्द को बयां करने के लिए लिखा व गाया गया है। राजमन बेंजाम का टिकट चाहे जिस वजह से भी कटा हो या जिसने भी कटवाया हो, लेकिन उन्हें अब चित्रकोट सीट से घोषित प्रत्याशी दीपक बैज के संग लय लगाना और सुर ताल बिठाना ही होगा।
राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। राजनीति तो मौकापरस्ती का खेल है। जब जिसे मौका मिल जाए, वह प्रतिद्वंदी को टंगड़ी मारकर आगे निकल जाने के लिए तैयार रहता है। मगर चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक राजमन बेंजाम का टिकट कटने के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। यह सीट पूर्व विधायक दीपक बैज के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। उप चुनाव में यहां से कांग्रेस के ही राजमन बेंजाम विधायक चुने गए हैं। आधी पारी ही खेल पाए विधायक बेंजाम को भरोसा था कि पार्टी इस बार के आम चुनाव में पार्टी उन्हें ही टिकट देगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। श्री बेंजाम का टिकट काटकर चित्रकोट सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद दीपक बैज को कांग्रेस ने चुनावी समर में उतार दिया है। श्री बैज का गृहग्राम गढ़िया चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र के ही लोहंडीगुड़ा विकासखंड में स्थित है। श्री बैज क्षेत्र के अधिकतर कार्यक्रम राजमन बेंजाम के साथ साझा करते आए हैं। दोनों के रिश्ते में कभी कोई खटास जैसी स्थिति आज तक नजर नहीं आई है। दोनों का व्यवहार आपस में सगे भाई जैसा रहा है। लिहाजा श्री बैज इस रिश्ते को कभी टूटने नहीं देंगे और न ही राजमन बेंजाम को राजनीतिक रूप से मिटने देंगे। उनके पास संगठन की बड़ी ताकत जो है। बशर्ते राजमन बेंजाम को सारी गलतफहमियों से जुदा रहकर दीपक बैज के साथ लय लगाना होगा और सुर ताल बिठाकर चलना होगा।
*बॉक्स*
*पार्टी के फैसले का सम्मान : बेंजाम*
टिकट कट जाने से हर उम्मीदजदा व्यक्ति को दर्द जरूर होता है और वह यह समझने लग जाता है कि जिसे टिकट मिला है, उसकी वजह से ही मेरा नंबर नहीं लग पाया। टिकट से वंचित व्यक्ति का दर्द लाजिमी है और फिर अगर वंचित व्यक्ति स्टैंडिंग एमएलए हो, तो उसके दर्द की कोई इंतेहा नहीं रहती। राजमन बेंजाम का दर्द भी कुछ इसी तरह फूट पड़ा है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के पास मेरे बारे में गलत फीडिंग की गई है, मेरे राजनैतिक चरित्र की हत्या की गई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने जो निर्णय लिया है, सोच समझ कर ही लिया होगा। मैं पार्टी के फैसले का सम्मान करता हूं और चित्रकोट से कांग्रेस की जीत के लिए सब कुछ दांव पर लगा दूंगा। यह तय है कि दीपक बैज अपने अभिन्न सखा राजमन बेंजाम को निराश तो हरगिज होने नहीं देंगे। अगर श्री बेंजाम को दर्द दीपक बैज की वजह से मिला है, तो उसकी दवा का इंतजाम भी दीपक बैज ही करेंगे। वे अपने सखा को राजनैतिक रूप से हरगिज मिटने नहीं देंगे। श्री बैज प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, लिहाजा उनके पास बेंजाम के दर्द का मुकम्मल इंतजाम भी है।