प्रयास दिव्यांग संस्थान के विद्यार्थियों ने फहराया प्रतिभा का परचम
विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर स्वरूपानंद महाविद्यालय का आयोजन
Bhilai,/- ईश्वर ने अगर हममें कोई कमी दी है, तो उसका धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उस कमी के बदले हमें सोचने विचारने का, अनुभव से सीखने की अदभुत क्षमता दे देते है। संतुलन बना के रखते है यह बात सही सिद्ध हुई जब प्रयास दिव्यांग संस्थान के विद्यार्थियों के साथ स्वरूपानंद महाविद्यालय के कला संकाय व हिन्दी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर चित्रकला व नारा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विद्यार्थी जो न बोल सकते है न सून सकते है उन्होंने अपने विचारों को अपनी तूलिका के माध्यम से उकेरा व अपने दिये गये नाम दिव्यांग को सार्थक कर सिद्ध किया प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती। हर बच्चे में महान बनने की खुबियाँ होती है आवश्यकता अभिव्यक्ति का मौका, समुचित मार्गदर्शन और प्रशिक्षण का जिससे वे आगे निकल सकते है।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये डॉ. सुनीता वर्मा, विभागाध्यक्ष हिन्दी ने बताया विश्व हिन्दी दिवस मनाने का उद्देश्य विश्व स्तर पर इसे एक अंर्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है व समस्त देशो में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधना है, यह करोड़ो भारतीयों के संपर्क व संवाद की भाषा है।
प्रयास दिव्यांग संस्थान के संचालक श्री विपिन बंसल ने कहा विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर आप लोगों ने बहुत सुंदर चित्र बनाये है, सभी सराहनीय है पर जो सबसे अच्छी थी उसे ही पुरस्कार के लिये चुना गया है उन्होंने पुरस्कार व स्मृति चिन्ह् देने के लिये हिन्दी विभाग को धन्यवाद दिया।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व डॉ. मोनिशा शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन के लिये बधाई दी व कहा इससे विद्यार्थियों की प्रतिभा को मंच मिलेगा। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने हिन्दी व कला संकाय की सराहना करते हुये कहा विश्व हिन्दी दिवस मनाने का उद्देश्य आज सार्थक हो गया जो मूकबाधिर है वे अपनी भावों की अभिव्यक्ति संकेतो के माध्यम से कर रहे है यह अद्भूत है उन्होंने उनके गुरूजनों की सराहना की इन विद्यार्थियों के भविष्य गढ़ने में अपना योगदान दे रहे है।
प्रयास दिव्यांग संस्थान के विद्यार्थी पीयुष ने कहा जैसे हमने अपने विचारो को चित्रों के माध्यम से व हिन्दी का प्रयोग करते हुए किया वैसे ही सभी को हिन्दी का प्रयोग करना चाहिए। चित्रकला में प्रथम स्थान प्राप्त कपिल गवई ने बताया चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेकर हमे खुशी हुई यही हमारे अभिव्यक्ति की भाषा है, क्योंकि हम बोल नहीं सकते इस कार्यक्रम व पुरस्कार प्राप्त करने से आगे और अच्छा करने की प्रेरणा मिली।
चित्रकला में द्वितीय स्थान प्राप्त हर्षलता ने बताया मैने अपने चित्रकला में बताया हमारे देश को महात्मा गांधी के सपनों के देश जैसा बनना चाहिए जहा हिंदी, चरखा, खादी का महत्व है वहीं नेहा सोनी ने जन – जन की आशा है हिन्दी, भारत की भाषा है हिन्दी, हिन्दी का सम्मान कर दुनिया भर में नाम करें। स्लोगन लिख कर नारा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया वही राजीव कुमार ने “सबको करती एक समान हिन्दी भाषा बड़ी महान” नारा लिख द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
विद्यार्थियों की प्रतिभा अदभुत थी। सामान्य बच्चों की चित्रकारी से कही श्रेष्ठ जो सिद्ध करती थी। ईश्वर अगर कुछ लेते है तो बदले में कुछ जरूर देते है सिर्फ बोल व सुन नहीं सकते पर अपने विचारो को प्रगट करने में साईन लैंग्वेज में उतने ही दक्ष। साईन लैंग्वेज प्रयोग करने के बावजूद उनकी मन में इच्छा थी हिंदी का प्रयोग बोलचाल व् लिखने में हो स्वयं उनके अभिव्यक्ति का लिखित माध्यम देवनागरी में लिखी हिंदी ही हो। प्रयास दिव्यांग संस्थान के संचालक प्राचार्य डॉ. राजेश पांडे धन्यवाद के पात्र है। प्रतियोगिता संपन्न कराने में प्रयास संस्थान की अमिता अग्रवाल व लतिका सोना ने विशेष योगदान दिया। विजयी प्रतिभागीयों के नाम इस प्रकार है- चित्रकला में प्रथम कपिल गवई बारहवीं, द्वितीय हर्ष लता ग्यारहवी, तृतीय श्रद्धा साहू बारहवीं, सांत्वना अनुराग देशमुख दसवीं, नारा में प्रथम नेहा सोनी बारहवीं, द्वितीय राजीव कुमार बारहवीं, तृतीय पूर्णिमा बारहवीं, सांत्वना खुशी देशमुख ग्यारहवीं रही।
कार्यक्रम में मंच संचालन स. प्रा. ज्योति तिवारी, कला संकाय व धन्यवाद डॉ. सुनीता वर्मा, विभागाध्यक्ष हिन्दी ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. सावित्री शर्मा, विभागाध्यक्ष कला संकाय, स.प्रा. खुशबू पाठक, विभागाध्यक्ष प्रबंधन विद्यार्थी प्रिया परमार बीए प्रथम वर्ष, सिमरन कौर बीए द्वितीय वर्ष, पारस देवांगन बीए प्रथम वर्ष, जय श्री बीए प्रथम वर्ष, अवंतिका बीए प्रथम वर्ष ने विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम में प्रयास दिव्यांग संस्थान के सभी प्राध्यापक व विद्यार्थी शामिल हुए।