सस्ते में लोन दिलाने के नाम पर महिला समूह से ठगी, एक नाबालिग समेत दो गिरफ्तार
दुर्ग. शहर में महिला समूह बनाकर उनके रुपए बैंक से गबन करने का मामला सामने आया है. शातिर ने खुद को फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताया और समूह की महिलाओं को एक फीसदी ब्याज पर लोन देने का झांसा देकर पहले बैंक खाता खुलवाया और उसके बाद रुपए जमा करवाए. महिलाओं ने समूह बनाकर 90 हजार रुपए जमा किए. बाद में पता चला उक्त रुपए को शातिर ने अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया है. इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. अपराध में एक नाबालिग भी शामिल है. उसे भी अभिरक्षा में लिया गया.पूरा मामला दुर्ग कोतवाली थाना क्षेत्र का है. पीड़ित नंदिता कौशल ने 26 दिसंबर को थाना पहुंचकर एक लिखित शिकायत दी. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि 17 दिसंबर 2023 को एक व्यक्ति अपने साथी के साथ राजीव नगर दुर्ग अपनी पल्सर बाइक से पहुंचा. उसने अपना नाम रोशन साहू (असली नाम जगदीश साव) बताया. उसने अपने आपको लैडिंग कार्ड फाइनेंस रायपुर का कर्मचारी बताया और कहा कि उनकी कंपनी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित करती है. इसके बाद उसने महिला समूह का छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में खाता खुलवाकर कम से कम 01 लाख रुपए रकम जमा करने पर प्रति महिला को 4 से 5 लाख रुपए का लोन मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर दिलाने का भरोसा दिलाया.
महिलाएं झांसे में आ गई. दूसरे दिन 18 दिसंबर 2023 को उसने मीटिंग ली. उस पर भरोसा कर पांच महिलाओं ने अपना समूह बनाया और कांति साहू के नाम से छग राज्य ग्रामीण बैंक शाखा दुर्ग में खाता खुलवाया. खाते में 90,000 रुपए जमा करा दिए. कुछ दिन बाद बैंक खाता चेक किया तो पता चला कि खाते से रुपए जगदीश साव ने अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए. इस मामले में शिकायत पर धारा 420,34 के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने विवेचना शुरू की. जांच के दौरान प्रार्थिया एवं आरोपी के बैंक खाता का संबंधित बैंकों से खाता डिटेल ली गई. इसके बाद सायबर सेल भिलाई की मदद से टेक्निकल आधार पर आरोपी की पता तलाश शुरू की गई.
17 जनवरी 2024 को सायबर सेल की टेक्निकल जानकारी के आधार पर व मुखबिर की निशानदेही पर संदेही आरोपी जगदीश साव को ढीमर पारा रायपुर से गिरफ्तार किया गया. उसके सहयोगी नाबालिग को भी हिरासत में लेकर थाने लाया गया. पूछताछ में उसने नाबालिग के साथ मिलकर घटना को अंजाम देना स्वीकार किया.