लोगों को साइबर ठगी से बचाने दुर्ग पुलिस ने बनाया बीट सिस्टम वाइस व्हाट्सएप ग्रुप
दुर्ग। वर्तमान में जैसे-जैसे नए-नए तकनीक विकसित होती जा रही है, वैसे-वैसे ठगी का तरीका भी बदलते जा रहा है. यहीं वजह है कि आज के समय में सबसे ज्यादा ठगी ऑनलाइन ही हो रही है. ऐसे में आम लोगों को ठगी का शिकार होने से बचाने के लिए दुर्ग जिला पुलिस की ओर से साइबर प्रहरी जागरुकता अभियान का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया.
दुर्ग रेंज आईजी दुर्ग बद्री नारायण मीणा एवं एसपी राम गोपाल गर्ग ने सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत स्मार्ट एवं हाईटेक पुलिसिंग को लेकर शुक्रवार को सेक्टर 6 पुलिस कंट्रोल रूम में अभियान का शुभारंभ किया गया. इस दौरान अभियान से जुड़े बुक व पोस्टर का विमोचन किया गया.
दुर्ग एसपी रामगोपाल गर्ग दुर्ग ने कहा कि साइबर प्रहरी जागरूकता अभियान के अंतर्गत जिला दुर्ग के सभी थानों में डिजिटल बीट पुलिसिंग के तहत स्मार्ट वर्क के साथ दुर्ग पुलिस काम करेगी, बीट सिस्टम वाइस व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें अभी तक कुल 45000 से अधिक लोगों को जोड़कर प्रतिदिन फोटो, वीडियो और पोस्ट के माध्यम से साइबर क्राइम के नित्य अपराधों के बारे में जागरूक कराया जा रहा है, जिसमें अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत कार्य किया जा रहा है.
भिलाई कम्युनिटी पोलिसिंग साइबर प्रहरी के नाम से अभियान पूरे जिले में चला रही है. इस कार्यक्रम के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों तक पहुंचने एवं जागरूक करने की कोशिश है तथा इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में सजगता एवं चेतना के माध्यम से साइबर अपराधों को नियंत्रित करना है.
दुर्ग जिले के लिए विकसित सीसीटीवी कैमरा का डेटाबेस है, जो तेजी से अपराध सुलझाने के लिए पुलिस को सशक्त बनता है. घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी की भौगोलिक जानकारी से पुलिस को अपराधियों को शीघ्र खोजने में सहायता होगी. अब तक इस एप्लीकेशन में जिले के 626 सीसीटीवी कैमरा जोड़ा गया है. इसके साथ रोजाना इसमें नया कैमरा लोकेशन जोड़ा जा रहा है. यह एप्लीकेशन दुर्ग पुलिस के लिए गूगल के प्ले स्टोर पर अवेलेबल है.