मधुमक्खी पालन से मिला रोजगार का नया स्त्रोत, शहद उत्पादन से किसानों को मिल रही अतिरिक्त आय

कोरिया. आधुनिक युग में जमाने के साथ-साथ किसान भी बदल रहे हैं. जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. किसान अब केवल खेती किसानी तक ही सीमित नहीं हैं. उन्होंने भी अपना दायरा बढ़ा लिया है. प्रदेश सरकार भी किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाएं चला रही है. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार स्त्रोत बढ़े हैं. जिससे किसान जीवन यापन बेहतर तरीके से कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसान मधुमक्खी पालन भी कर रहे हैं. जिसमें सरकार किसानों को आर्थिक मदद दे रही है. इसका खासा लाभ कोरिया जिले के किसान अवध बिहारी जयसवाल और उनके समूह में शामिल अन्य 4 किसान ले रहे हैं. किसानों ने केवल महीने भर के भीतर मधुमक्खी पालन कर मधुरस का उत्पादन किया और लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

कोरिया के खड़गवां विकासखंड के ग्राम सकरिया में मधुमक्खी पालन का कार्य किया जा रहा है. यहां जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से मधुमक्खी पालन के लिए किसानों की मदद की गई. जिसमें मधुमक्खी पालन के लिए डीएमएफ से किसान अवध बिहारी जयसवाल को 90 फीसदी राशि जारी किया है. जिससे किसानों को केवल 10 प्रतिशत ही निवेश करना पड़ा. डीएमएफ से किसान अवध बिहारी को मधुमक्खी पालन के लिए 22 बॉक्स और उनके समूह को कुल 110 बॉक्स में मधुमक्खी कॉलोनी मुहैया कराया गया.

मधुमक्खी पालन से लाभांवित किसान अवध बिहारी बताते हैं कि उनके समूह में कुल 5 किसान हैं. उन्होंने मधुमक्खी पालन के लिए उद्यान विभाग से संपर्क किया. जहां विभाग के सहायक संचालक उद्यान ने जिला खनिज न्यास संस्थान योजना से किसानों को 110 बॉक्स मधुमक्खी और कॉलोनी उपलब्ध करवाया. जिसके बाद किसानों ने सरसों के फूल से मधुरस (शहद) का उत्पादन किया. अवध बिहारी ने बताया कि उन्होंने 22 बॉक्स से 24 दिन में 52 किलोग्राम मधुरस का उत्पादन किया और 11000 रुपये की आमदनी प्राप्त की. किसान का कहना है कि इस तरह से मिल रहे सहयोग से हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है और आने वाले समय में बेहतर तरीके से मधुरस का उत्पादन करेंगे. साथ ही अन्य कृषकों को भी इसकी जानकारी देंगे.

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