700 साल पुरानी मस्जिद पर चला बुलडोजर, नींद में सोए लोगों को सुनाई दी अजीब आवाज और फिर…
नई दिल्ली: दिल्ली के महरौली में उस वक्त लोग हैरान हो गए, जब अखूंदजी मस्जिद और बहरूल उलूम मदरसे को बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया. बीते दिनों डीडीए ने सुबह-सुबह बेहद गुपचुप ढंग से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया और कथित तौर पर इस अवैध मस्जिद को ढाह दिया गया. डीडीए ने बुलडोजर एक्शन के दौरान किसी भी तरह से परेशानी से बचने के लिए तड़के सुबह का वक्त चुना. डीडीए ने बेहत चुपके से उस वक्त 700 साल पुरानी मस्जिद पर बुलडोजर चलाया, जब उसके आसपास के लोग भोर के वक्त नींद में सो रहे थे. लोगों को इस एक्शन की खबर भी न हो, इसके लिए महज कुछ मिनट के भीतर ही मस्जिद और मदरसे के मलबों को हटा दिया गया.
दरअसल, दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित अखूंदजी मस्जिद और बहरूल उलूम मदरसे को लेकर दावा किया जाता है कि यह मस्जिद करीब 700 साल पुरानी थी. इसे लेकर यह भी दावा किया जाता है कि इस मस्जिद निर्माण रजिया सुल्तान के शासनकाल के दौरान किया गया था. बहरूल उलूम मदरसा इसी अखूंदजी मस्जिद परिसर में था. डीडीए यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण 30 जनवरी की सुबह बुलडोजर से कथित अवैध मस्जिद और मदरसे को गिराया था. इस मस्जिद परिसर में कुछ पुरानी कब्रें भी मौजूद थीं, जिसे बुलडोजर एक्शन के तहत जमींदोज कर दिया गया.
लोगों को एक्शन का पता भी नहीं चला
जब इस मस्जिद परिसर में बुलडोजर एक्शन हो रहा था, तब लोग इस कार्रवाई से अनजान थे. क्योंकि डीडीए ने इसके लिए एकदम सुबह का वक्त चुना था. जब मस्जिद परिसर में बुलडोजर एक्शन हो रहा था, तब स्थानीय लोगों को इसकी आवाज सुनाई दी. क्योंकि डीडीए के इस इसके एक्शन की न तो किसी को सूचना थी और न ही कोई नोटिस मिला था, जिसकी वजह से लोगों ने उस आवाज को इग्नोर कर दिया. मस्जिद के इमाम को बुलडोजर एक्शन के दौरान उस जगह से हटा दिया गया था. उन्हें अपना सामान हटाने के लिए महज 10 मिनट का समय दिया गया था. इस दौरान पूरे इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई थी. जब लोगों की नींद खुली और सुबह नमाज पढ़ने मस्जिद गए तो वहां मस्जिद का मलबा तक नहीं था