30 साल से फरार ‘हत्‍यारा’, पुलिस जैसे-तैसे पकड़कर लाई, थाने में जो हुआ, अफसरों की नौकरी पर बन आई

नई दिल्‍ली. बिहार के समस्तीपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों की नौकरी पर बन आ गई है. पुलिस को लगा कि वो 30 साल पुराने हत्‍या के मामले को खोलकर आला अधिकारियों से खूब वाहवाही बटोर लेंगे लेकिन अब ये मामला उनके खुद के लिए ही गले की हड्डी बन गया है. जिला प्रशासन के लिए इसपर जवाब देते नहीं बन रहा है. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन उसकी पुलिस कस्‍टडी में मौत हो गई.

पुलिस अधिकारियों ने सपने भी नहीं सोचा था कि वाहवाही मिलने की जगह यह मामला उनकी नौकरी के लिए ही आफत बन जाएगा. मृतक के परिजनों ने थाने के बाहर जमकर बवाल काटा. बड़ी मुश्किल से जैसे-तैसे हंगामे को शांत किया जा सका. आरोप को खारिज करते हुए पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार होने के तुरंत बाद आरोपी कृष्ण भगवान झा उर्फ टुन्ना झा की हालत बिगड़ने लगी और मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात उनकी मौत हो गई. सहायक पुलिस अधीक्षक संजय पांडे ने संवाददाताओं से कहा, “उनकी मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा.”

1991 के हत्‍याकांड में थी तलाश
साल 1991 में हत्‍या के मामले में पुलिस को उसकी तलाश थी. कृष्ण भगवान झा के सरायरंजन इलाके में रहने की गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने मंगलवार की शाम उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अधिकारी ने कहा, “आरोपी को  सरायरंजन पुलिस स्टेशन लाया गया. कुछ देर बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी. उसे जिला सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.”

पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी पूरी जांच
एएसपी ने संवाददाताओं से कहा, “घटना के बारे में पता चलने के बाद, मैं अन्य अधिकारियों के साथ अस्पताल पहुंचा और पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों से बातचीत की. स्थिति को नियंत्रण में लाया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.” यह आरोप लगाते हुए कि कृष्ण भगवान झा को पुलिस हिरासत में पीटा गया जिससे उनकी मौत हो गई, उनके परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने मंगलवार रात जिला अस्पताल के पास विरोध प्रदर्शन किया और दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

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