ऑनर किलिंग का मामला आया सामने, माता-पिता ने गला दबाकर उतारा बेटी को मौत के घाट, गिरफ्तार

उधम सिंह नगर. ‘बेटी की वजह से समाज में बदनामी हो रही थी. उसे बहुत समझाया लेकिन वो नहीं मानी. अपनी इज्जत बचाने के लिए उसको मार दिया.’ यह कबूलनामा है नाबालिग बेटी की हत्या के आरोपी माता-पिता का. उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है.

दरअसल, पहाड़गंज इलाके की रहने वाली एक नाबालिग लड़की को पड़ोस के रहने वाले शादीशुदा शख्स से प्यार हो गया. करीब दो साल पहले लड़की के घरवालों को यह बात पता चल गई, तो उन्होंने दोनों को डांटा. लड़की के परिजन उसके साथ मारपीट करने लगे और भविष्य में कोई संबंध न रखने की हिदायत दी. दो दिन पहले युवक चोरी-छिपे लड़की से मिलने उसके घर आया. यह बात उसके माता-पिता को पता चल गई. युवक तो भाग गया, लेकिन इस मुलाकात का खामियाजा उस नाबालिग को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा. माता-पिता ने दुपट्टे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और इस इल्जाम से बचने के लिए एक कहानी बुनी, लेकिन कुछ ही घंटों में पुलिस ने सच बुलवा लिया.  पुलिस ने आरोपी माता-पिता को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है. मामले की जांच जारी है.

रुद्रपुर की सीओ सदर निहारिका तोमर और कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने हत्याकांड का खुलासा किया. सीओ ने बताया कि आरोपी शफी अहमद और खातून जहां रुद्रपुर थाना क्षेत्र के पहाड़गंज इलाके के रहने वाले हैं. शफी अहमद फल की रेहड़ी लगाता है और उसका बेटा केरल में टू-व्हीलर का मैकेनिक है. उनकी नाबालिग बेटी शबनम (बदला हुआ नाम) का पड़ोस में रहने वाले एक शादीशुदा युवक से प्रेम प्रसंग था. करीब दो साल पहले जब उन्हें इसका पता चला, तो उन्होंने दोनों को डांटा था. लड़की को मारपीट कर समझा दिया था, लेकिन वह नहीं मानी. दोनों ने चोरी-छिपे एक-दूसरे से बातचीत करना और मिलना जारी रखा.

खातून जहां ने पुलिस को बताया कि 24 फरवरी को सुबह करीब 4 बजे जब वह उठीं, तो उन्होंने देखा कि शबनम अपने बिस्तर पर नहीं है. उन्होंने उसे इधर-उधर तलाशा, लेकिन वह नहीं मिली. फिर पति को यह बताया और दोनों ने मिलकर बेटी को ढूंढा. जब वे छत की ओर गए, तो उन्हें किसी के भागने की आहट सुनाई दी. शबनम ऊपर बने कमरे के बाहर खड़ी थी. उन्होंने उससे पूछा कि वह यहां क्या कर रही है और छत से कौन भागकर गया, तो वह कुछ नहीं बोली. उसे नीचे लाकर शफी अहमद ने चार-पांच थप्पड़ मारे, तब शबनम ने बताया कि वही लड़का उससे मिलने आया था और वह उससे मिलने छत पर गई थी. यह सुनकर शफी आगबबूला हो गया और बेटी का गला दबाने लगा. खातून जहां भी लड़की के गले का दुपट्टा खींचकर उसका गला दबाने लगी. जब शबनम हाथ-पैर छटपटाने लगी, तो मां ने उसके पैर जकड़ लिए और कुछ ही देर में शबनम ने दम तोड़ दिया.

उसने आगे कहा कि जब हम मियां-बीवी को यकीन हो गया कि शबनम मर गई है, तो हम दोनों ने लाश को ठिकाने लगाने की प्लानिंग बनाई. उन्होंने पड़ोस के कुछ लोगों से कहा कि उनकी लड़की ने छत वाले कमरे में फांसी लगा ली और हम बॉडी का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते हैं, इसलिए पुलिस को सूचना नहीं देंगे. हमने आपस में सलाह कर सोचा कि लाश को उनके पैतृक गांव (उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बजवाला गांव) में ले जाकर ठिकाने लगाना सही होगा. अगर यहां पुलिस को पता लग गया, तो हम फंस सकते हैं. इसके बाद शफी ने एक रिश्तेदार की गाड़ी मंगवाई और हम शव को लेकर वहां चले गए. हम उसे दफनाने की तैयारी कर रहे थे कि पुलिस वहां पहुंच गई. चेहरे पर चोट और गले पर निशान देखकर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने को कहा और फिर हमें रुद्रपुर ले आए.


सीओ सदर निहारिका तोमर ने कहा कि दंपति ने बताया कि उनकी बेटी ने फांसी लगाई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटने की बात सामने आई है. सख्ती से पूछताछ में वे टूट गए और उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी बिगड़ गई थी. उसे समाज में ऊंच-नीच के बारे में कई बार अच्छे-बुरे तरीके से समझाया था और मारा पीटा भी था, लेकिन उसने हमारी बात नहीं मानी. जवान लड़की की इन हरकतों से आस-पड़ोस और बिरादरी में हमारी बदनामी हो रही थी. अपनी इज्जत बचाने के लिए हम दोनों ने अपनी बेटी का गला घोंटकर उसे जान से मार दिया. सीओ ने कहा कि जिस दुपट्टे से गला दबाया गया, उसे बरामद कर लिया गया है. आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है. मामले में अग्रिम कार्यवाही की जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *