रामपुर: दलित छात्र हत्याकांड में CM योगी का एक्शन, उप जिलाधिकारी समेत 25 पर FIR, किसने ली जान?
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार रामपुर जिले के मिलक क्षेत्र में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर वाली होर्डिंग लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद के मामले में एक्शन में आ गई है. इस घटनाक्रम के दौरान गोली लगने से एक दलित युवक की मौत हो गई थी. राज्य सरकार ने अब इस मामले में संबंधित उप जिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इस मामले में उप जिलाधिकारी और तहसीलदार के साथ तैनात एक-एक होमगार्ड जवान समेत कुल 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मिलक थाना क्षेत्र के सिलईबाड़ा गांव में ग्राम समाज की एक जमीन पर दलित समाज के लोगों ने आंबेडकर की होर्डिंग लगा दी थी और प्रतिमा लगाने की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने बताया कि गांव के ही दूसरे समुदाय के लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए प्रशासन से इसकी शिकायत की थी. सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की शाम स्थानीय तहसीलकर्मी, पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की. इसी दौरान दलित समुदाय और दूसरे पक्ष के बीच विवाद हो गया, जिसने हिंसक रूप ले लिया. इस दौरान गोली चलने से सोमेश (17) नामक दलित लड़के की मौत हो गयी तथा दो अन्य घायल हो गये. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कार्रवाई करते हुए रामपुर के जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने मिलक तहसील के उप जिलाधिकारी अमन देवल को हटा दिया है. इसके अलावा पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने भी संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी कीर्ति निधि आनन्द, मिलक के थाना प्रभारी निरीक्षक अनुपम शर्मा और चौकी प्रभारी दारोगा सुरेन्द्र को हटा दिया है. मामले की जांच की जा रही है. मंगलवार को हुई वारदात में मारे गये किशोर के परिजन का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना में उप जिलाधिकारी और तहसीलदार के साथ मौजूद दो होमगार्ड जवानों समेत 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. इस घटना को लेकर बुधवार को भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने गांव पहुंचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की. आजाद ने घटना के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर हमला करते हुए पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की थी. उन्होंने कहा, ‘‘सोमेश ने दिखाया है कि अगर भीमराव आंबेडकर के संविधान को हटाने की कोशिश की गई तो लाखों सोमेश पैदा होंगे जो अपनी जान दे देंगे लेकिन संविधान पर कोई आंच नहीं आने देंगे.’