भक्त ने अपने घर में कामाख्या मंदिर की स्थापना की, 40 से अधिक वर्षों तक असम में की तपस्या

बिलासपुर /- मन में अगर चाहत हो तो आप अपने घर में ही देवी-देवताओं को बुला सकते हैं।दिल में अगर श्रद्धा हो तो घर को भी मंदिर बना सकते हैं। इन बातों को बिलासपुर के एक सख्स ने शब्दसः साकार किया है। बिलासपुर के मनहरण यादव ने मां कामख्या की प्रेरणा से अपने ही घर में कामाख्या मंदिर की स्थापना कर दी है। अपनी लंबी तपस्या के बाद मनहरण ने इसे साकार किया। माता भक्त मनहरण के मंदिर में अब न सिर्फ प्रदेश के, बल्कि अन्य प्रदेश के लोग भी पहुंच रहे हैं।

शहर के लिंगियाडीह क्षेत्र में भक्त मनहरण यादव के घर में माता कामख्या का दर्शन करने लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। मनहरण बचपन में घर से आदेश लेकर असम चले गए और वहां माता कामख्या देवी की सेवा में वर्षों तक जमे रहे। जब वो वापस बिलासपुर लौटे तो उनके जीवन में मनोनुकूल परिवर्तन आया। इन बातों से प्रेरित होकर उन्होंने माता कामख्या को अपने ही घर में स्थापित किया और बीते 40 वर्षों से अधिक समय से वो माता कामख्या की सेवा कर रहे हैं।

नवरात्र के दिनों में भक्त राम शंकर शुक्ल यहां घंटों सैकड़ों ज्योति कलश के बीच साधना करते हैं। उनका कहना है कि माता कामख्या की साधना में लीन होकर उन्हें गर्मी का अहसास तक नहीं होता और वे इसे बहुत ही सहजता से करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed