लोकसभा में अनुराग ठाकुर के भाषण के मुरीद हुए PM मोदी, कहा- इसे जरूर सुनें
नई दिल्ली/ पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर आजकल काफी चर्चाओं में हैं। दरअसल, मंगलवार को उन्होंने लोकसभा में भाषण दिया। इस दौरान उनकी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ तीखी बहस हुई। कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद ने यह तक कह दिया कि एक नेता ने खड़े होकर कमल पर कटाक्ष किया, लेकिन कमल का नाम तो राजीव भी है। ऐसे में जोरदार हंगामा हुआ। हालांकि, अब ठाकुर के बयान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुरीद हो गए हैं। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री के भाषण का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि विपक्षी गठबंधन की गंदी राजनीति की पोल खुल गई है।
पीएम ने की अनुराग ठाकुर की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के भाषण का वीडियो साझा कर उनकी तारीफ की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘यह भाषण मेरे युवा और ऊर्जावान सहयोगी अनुराग ठाकुर का है, जिसे अवश्य सुनना चाहिए। यह तथ्यों से समाहित है। यह इंडी गठबंधन की गंदी राजनीति की पोल खोलता है।’
भाषण पर सदन में जमकर हुआ बवाल
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर मंगलवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कांग्रेस और आपातकाल का जिक्र करते हुए राहुल गांधी की जमकर आलोचना की। इसी दौरान उन्होंने कहा कि जिनको जाति नहीं पता है वो जाति जनगणना की बात कर रहे हैं। इस पर निचली सदन में जमकर बवाल हुआ।
कन्नौज के सांसद और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल किया कि ठाकुर सदन में किसी की जाति के बारे में कैसे बात कर सकते हैं।
राहुल गांधी पर किया पलटवार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कमल को हिंसा से जोड़ दिया था, जिस पर अनुराग ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा, ‘एक नेता ने खड़े होकर कमल पर कटाक्ष किया, लेकिन कमल का नाम तो राजीव भी है, तो क्या वो राजीव गांधी को भी बुरा मानते हैं। मुझे नहीं पता है कि उन्हें कमल से क्या आपत्ति है। कमल का पर्यायवाची तो राजीव भी है। शायद उन्हें इस बात का पता नहीं है। अगर होता, तो मुझे पूरी उम्मीद है कि वो कमल के बारे में इस तरह की टिप्पणी ही नहीं करते।’
‘कमल को हिंसा के साथ जोड़ा’
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, ‘इन्होंने कमल को हिंसा के साथ जोड़ा। इन्होंने राजीव को हिंसा के साथ जोड़ा। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मां लक्ष्मी का आसन भी कमल है, हमारा राष्ट्रीय पुष्प भी कमल है और जिस पद्मासन मुद्रा में सिंधु सभ्यता में भगवान शिव की मूर्ति मिली थी, लोकमान्य तिलक ने भी पद्मासन मुद्रा में ही समाधि ली थी, आप कहते हैं कमल के चारों तरफ हिंसा है। आप कमल का अपमान नहीं कर रहे, आप महायोगी भगवान शिव, भगवान बुद्ध और लोकमान्य तिलक जैसे महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। इसलिए अगली बार कमल के बारे में सोचकर बोलिए, आप किस-किस का अपमान कर रहे हैं।’
अखिलेश यादव के साथ भी तीखी बहस
चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। अखिलेश यादव ने अग्निवीर योजना का मुद्दा उठाया तो अनुराग ठाकुर ने उनके बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि देश में अगर संकट किसी चीज का है तो वह रोजगार है। देश में जब पहली बार अग्निवीर योजना आई थी तो उसे लेकर बड़े-बड़े उद्योगपतियों से ट्वीट कराया गया और कहा गया कि इससे अच्छी योजना नहीं हो सकती। हालांकि, अब सरकार खुद स्वीकार करती है कि यह योजना अच्छी नहीं है।
इस पर अनुराग ठाकुर ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘मैं हिमाचल प्रदेश से आता हूं। जिसने देश को पहला परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ दिया। करगिल युद्ध में सबसे अधिक सैनिक हिमाचल के शहीद हुए। कैप्टन विक्रम बत्रा और सूबेदार संजय कुमार भी यहीं से थे। ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की मांग को भी हमारी ही सरकार ने पूरा किया। मैं अखिलेश यादव को बताना चाहता हूं कि अग्निवीर में 100 फीसदी नौकरी की गारंटी है, जो हमेशा रहेगी।
ठाकुर के बचाव में आए मंत्री और सांसद
लोकसभा में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘उन्होंने जाति नहीं पूछी। जो लोग जाति नहीं जानते हैं वे जाति जनगणना की बात कर रहे हैं। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, तो इसे अपने ऊपर क्यों ले रहे हैं? अनुराग ठाकुर ने सदन में इसे स्पष्ट किया। इनको मुद्दे से भटकाने के लिए कोई बहाना चाहिए। पंडित नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक, राजीव गांधी तक – सभी ने ओबीसी के लिए आरक्षण का विरोध किया है।’
भाजपा सांसद अरुण गोविल ने कहा, ‘राहुल गांधी के बारे में कुछ भी कहना अजीब सा है। मुझे समझ नहीं आता कि वह बात को किस तरह से लेते हैं, किस तरह से समझते हैं क्योंकि वह बात को कहीं और ले जाते हैं। वह कहना कुछ चाहते हैं लेकिन कहते कुछ और हैं।’