गृहमंत्री शाह ने की 33 जिलों में ‘पैक्स’ की शुरुआत; कहा- देश की हर पंचायत में बनेगी एक सहकारी समिति
रायपुर/ केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के तीसरे दिन नवा रायपुर के एक होटल में राज्य में सहकारिता के विस्तार से संबंधित समीक्षा बैठक ली। इस दौरान शाह ने छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में पानी समिति के रूप में प्राथमिक कृषि साख समिति की शुरुआत की। देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति बनाने की बात कही। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से कहा कि संपूर्ण जनजातीय विकास के लिए एक नई पब्लिक डेयरी योजना बनायें, जो पैक्स, डेयरी और मात्स्यिकी सहकारी संस्था का काम करे।उन्होंने कहा कि हर मंडी के हर व्यापारी, ‘पैक्स’ और सहकारी संस्था का खाता जिला सहकारी बैंक में खोलना अनिवार्य है। छत्तीसगढ़ में 4 सहकारी चीनी मिलें हैं, जिनमें से सिर्फ एक मिल में इथेनॉल उत्पादन प्लांट है। बाकी 3 सहकारी चीनी मिलों में 6 महीने के अंदर मल्टी-फीड इथेनॉल उत्पादन प्लांट लगाए जाएं, जिससे मक्का, गन्ना आदि से इथेनॉल उत्पादन किया जा सके, इसमें केन्द्र सरकार मदद करेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मक्के और दलहन की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है और इसके लिए राज्य के कृषि विभाग को पहल करनी चाहिए।
पैक्स’को सीएससी बनायें’
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सभी 2058 ‘पैक्स’ने मॉडल बायलॉज को अपना लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का उपयोग छत्तीसगढ़ में ड्राई एरिया ढूंढने के लिए करना चाहिए, जिससे सहकारिता के विस्तार में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कम्प्यूटराइज़ेशन होने के साथ ही हर ‘पैक्स’को सीएससी बना देना चाहिए, जिससे ‘पैक्स’के गतिविधियों का लाभ ग्रामीण जनता ले सके।
नेफेड और एनसीसीएफ पोर्टल पर शत-प्रतिशत पंजीकरण हो’
शाह ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए एनसीसीएफ, नेफेड और राज्य के बीच अनुबंध होना चाहिए, जिससे किसानों को मक्के की खेती के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मक्के की खेती में लागत भी कम है और केन्द्र सरकार किसानों का सारा मक्का अच्छे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद रही है। किसानों के कृषि उत्पाद की बिक्री के लिए ‘पैक्स’ की ओर से नेफेड और एनसीसीएफ पोर्टल पर शत-प्रतिशत पंजीकरण होना चाहिए।
खुलेंगे चार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में 6 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक हैं। पैक्स के विस्तार को देखते हुए कम से कम 4 और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक स्थापित किये जाये। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और जनजातीय लोगों के आर्थिक विकास के लिए व्होल ऑफ गवर्नमेंट एप्रोच के तहत राज्य सरकार के पशुपालन, कृषि, जनजातीय मामले और सहकारिता विभागों को मिलकर काम करना चाहिए।