मंजिल तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो गया सफर…तनाव में था चालक, बार-बार आ रहा था फोन

पौड़ी। अल्मोड़ा बस हादसे में 36 जिंदगियां खत्म हो गई। हादसे का शिकार हुई बस में जान गंवाने वाले अधिकतर वे लोग थे जो दिवाली का त्योहार मनाने अपने गांव आए थे। छुट्टी खत्म होने पर जल्दी घर पहुंचने की जल्दबाजी में पहले से भरी बस में लोग सवार हो गए। किसी को भी आभास नहीं था कि मंजिल पर पहुंचने से पहले ही एक हादसा इस सबकी जान ले लेगा। अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के मरचूला में यात्रियों से खचाखच भरी बस अनियंत्रित होकर करीब 150 फुट गहरी खाई में गिर गई। बस के गिरते ही चीख पुकार मच गई। सबसे पहले कूपी गांव और आसपास के क्षेत्र के कुछ युवा मौके पर पहुंचे। जिन्होंने घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। साथ ही प्रशासन को सूचना दी। घायलों को निजी वाहनों से देवायल और रामनगर के अस्पताल ले जाया गया।

बस चालक दिनेश सिंह निवासी भैरंगखाल, सल्ट मानसिक रूप से परेशान था। उसे बार-बार रुपयों के लिए फोन आ रहा था। यह बात रामनगर अस्पताल में भर्ती घायल हरीश चंद्र पोखरियाल ने बताई। घायल हरीश चंद्र पोखरियाल के अनुसार, वह चालक के पास वाली सीट पर बैठे थे। चालक को मानसिक तनाव में देख यात्रियों ने पूछा तो उसने बताया कि ढाई लाख रुपये किसी को देने हैं। यात्रियों ने उसे हिम्मत दी। तनाव के बीच एक मोड़ पर उसने वाहन से नियंत्रण खोया और बस खाई में गिर गई।

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