आंदोलन के समर्थन में रेल पटरियों पर 12 बजे से बैठेंगे किसान, तीन घंटे प्रदर्शन
चंडीगढ़/ पंजाब-हरियाणा की सीमा पर शंभू-खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के हक में आज पूरे पंजाब में रेलें रोकी जाएंगी। हर जिले में किसान दोपहर 12 से 3 बजे तक रेल पटरियों पर धरना देंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को 22 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी तक किसानों से बात नहीं की। मोदी सरकार किसानों के मुद्दों को डीरेल करना चाहती है।
पंधेर ने कहा कि कुछ मीडिया वालों की तरफ से किसानों की दोनों यूनियनों को अलग-अलग बताया जा रहा है, जोकि सरासर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं। किसान एकजुट हैं और मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं। पंधेर ने आरोप लगाया कि विपक्ष किसानों की आवाज संसद में नहीं उठा रहा है, जिससे किसानों की समस्याएं अनसुनी हो रही हैं। पंधेर ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी सवाल उठाया और पूछा कि वे किसानों के लिए क्या कर रहे हैं?
पंजाब में आज यहां रोकी जाएंगी ट्रेनें
- जिला मोगा का जितवाल, डगरू, मोगा स्टेशन
- जिला फरीदकोट का फरीदकोट स्टेशन
- जिला गुरदासपुर का प्लेटफॉर्म कादियां, फतेहगढ़ चूड़ियां, बटाला प्लेटफॉर्म
- जिला जालंधर का लोहियां खास, फिल्लौर, जालंधर कैंट, ढिल्लवां
- जिला पठानकोट का परमानंद प्लेटफॉर्म
- जिला होशियारपुर का टांडा, दसूहा, होशियारपुर प्लेटफॉर्म, मडियाला और माहिलपुर
- जिला फिरोज़पुर का मखू, मलां वाला, तलवंडी भाई, बस्ती टैंकां वाली, जगराांव
- जिला लुधियाना का साहनेवाल
- जिला पटियाला कारेलवे स्टेशन पटियाला, शंभू स्टेशन
- जिला मोहाली का रेलवे स्टेशन फेस 11 मोहाली
- जिला संगरूर का सुनाम
- जिला मलैरकोटला का अहमदगढ़
- जिला मानसा का मानसा मेन, बरेटा
- जिला रूपनगर का रेलवे स्टेशन रूपनगर
- जिला अमृतसर का देवीदासपुरा, ब्यास, पंधेर कलां, काठू नंगल, रमदास, जहानगीर, झंडे
- जिला फाजिल्का का रेलवे स्टेशन फाजिल्का
- जिला तरनतारन का पट्टी, खेमकरण, रेलवे स्टेशन तरनतारन
- जिला नवांशहर का बहराम
- जिला बठिंडा का रामपुरा
- जिला कपूरथला का हमीरा, सुल्तानपुर, लोदी और फगवाड़ा
- जिला मुक्तसर का मलोट
कमेटी की ओर से बुलाई बैठक में जाने से किसानों का इनकार
शंभू बार्डर खोलने को लेकर किसानों से सीधी वार्ता करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई कमेटी के साथ बैठक करने से किसानों ने साफ इनकार कर दिया है। कमेटी की ओर से बुधवार को बैठक बुलाई गई थी। कमेटी को भेजे पत्र में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने लिखा है कि पहले से ही अंदेशा था कि कमेटियां सिर्फ खानापूर्ति के लिए बनाई जाती हैं। बावजूद इसके आप सभी का सम्मान करते हुए किसानों का प्रतिनिधिमंडल चार नवंबर को कमेटी के मेंबरों से मिला। लेकिन इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद कमेटी अब तक शंभू व खनाैरी बार्डरों पर जाने का समय नहीं निकाल सकी। इतनी देरी के बाद कमेटी सक्रिय हो सकी है, यह देखकर काफी दुख हो रहा है। क्या कमेटी उनकी मृत्यु का इंतजार कर रही थी। अपनी मेडिकल स्थिति व शंभू बार्डर पर दिल्ली कूच करने के समय घायल किसानों की हालत को देखते हुए दोनों मोर्चों ने फैसला लिया है कि किसान कमेटी के साथ बैठक करने में असमर्थ हैं। अब किसानों की ओर से अपनी मांगों को लेकर केवल केंद्र सरकार के साथ ही सीधी बातचीत की जाएगी।