जेपी प्रतिष्ठान ने नहीं किया है अवैध कब्जा, नियमित की जाए आवंटित लीज

उच्च न्यायालय के फैसले के परिप्रेक्ष्य में जेपी प्रतिष्ठान से सेल-बीएसपी प्रबंधन को भेजा पत्र 

भिलाई। भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन को पत्र भेज कर स्पष्ट किया है कि उनके द्वारा 2670 वर्गफीट भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने की बात पूरी तरह असत्य है। प्रतिष्ठान के अध्यक्ष आर पी शर्मा ने सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश, निदेशक कार्मिक केके सिंह, बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता और कार्यपालक निदेशक (एचआर) पवन कुमार को माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश (केस नं. WPC No. 3555 OF 2012) दिनांक 13-01-2025 के संदर्भ में पत्र भेजकर मांग की है कि उन्हें आबंटित लीज जो निरस्त की गई थी, उसे माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार नियमित किया जाये।

आर पी शर्मा ने अपने पत्र में कहा है कि भिलाई स्टील प्लांट (सेल) की ओर से भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण प्रतिष्ठान परिसर पर 2670 वर्गफीट भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने की बात पूरी तरह असत्य है। सत्यता यह है कि प्रतिष्ठान के पास इतनी जमीन ही नहीं है। संयंत्र प्रबंधन की ओर से लीज के तौर पर आदेशित की गई भूमि पर प्रतिष्ठान संचालित है। 

उन्होंने कहा कि जयप्रकाश स्मारक प्रतिष्ठान की परिकल्पना भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जनहित में किये गये योगदान को दृष्टिगत रखते हुए की गई थी। प्रतिष्ठान का उद्देश्य भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण के योगदान को आमजन तक पहुंचाना है। जिसके लिये प्रतिष्ठान जेपी चौक से प्रतिष्ठान के रुआबांधा सेक्टर स्थित भवन तक में 34 वर्षों से विभिन्न कार्यक्रम संपादित कर रहे हैं। अत एव इस प्रतिष्ठान को राष्ट्र हित में बचाये रखना नितांत आवश्यक है। इस राष्ट्रीय कामकाज में भिलाई इस्पात संयंत्र जैसे अन्य उपक्रमों का योगदान भी आवश्यक है।

उन्होंने कहा है कि अनुरोध है कि विगत कई वर्षों से जो सुविधाएँ संयंत्र द्वारा प्रष्ठिान को मुहैय्या कराई जा रही है उन्हें बरकरार रखें। वैसे भी उक्त समस्त क्षेत्र सुखा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा है कि  प्रतिष्ठान की आबंटित लीज जो निरस्त की गई थी, उसे माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार नियमित किया जाए। उन्होंने कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पूर्णरूपेण परिपालन करने हम कृत संकल्पित हैं।

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