जनपद अध्यक्ष और पूर्व सीईओ ने बोर, वाटर फिल्टर और टैंकर के नाम पर हजम कर लिए 15वें वित्त के करोड़ों रुपए

बकावंड जनपद पंचायत में हुआ है बड़ा फर्जीवाड़ा =

*-अर्जुन झा-*

*बकावंड।* कांग्रेस शासनकाल के दौरान जनपद पंचायत बकावंड के सीईओ ने पंचायत सचिवों और सरपंचों के कंधों का सहारा लेकर करोड़ों का भ्रष्टाचार किया ही था, और अब जाते जाते भाजपाई जनपद अध्यक्ष के साथ मिलकर बिना काम कराए ही करोड़ों के वारे न्यारे कर दिए हैं। ग्राम पंचायतों में बोर कराने, वाटर फिल्टर लगाने, पानी टैंकर उपलब्ध कराने के नाम पर 15वें वित्त की करोड़ों की राशि चट कर गए हैं। भाजपाई जनपद अध्यक्ष धनुर्जय कश्यप और पूर्व सीईओ एसएस मंडावी ने जो खेल खेला है, उसे जानकर क्षेत्र की जनता हैरान है और भाजपा सरकार पर थू थू कर रही है।

       छत्तीसगढ़ और जनपद पंचायत बकावंड भले ही भारतीय जनता पार्टी की सत्ता आ गई है, मगर भ्रष्टाचार से जनपद पंचायत का पीछा नहीं छूट पा रहा है।जनपद पंचायत में भाजपा के नेता महत्वपूर्ण पद पर आसीन हो गए हैं और कांग्रेसी ढर्रे पर चलते हुए मलाई खाने में मगन हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न खाऊंगा, न खाने दूंगा के सिद्धांत पर चलते हुए निस्वार्थ भाव से देशवासियों की सेवा कर रहे हैं, मगर जनपद पंचायत बकावंड में मोदी सरकार के भेजे रुपयों की उन्हीं की पार्टी के जनपद अध्यक्ष धनुर्जय कश्यप ने पूर्व के बदनाम सीईओ एसएस मंडावी के साथ मिलकर बंदरबांट कर ली है। जनपद अध्यक्ष ने अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा है। वे मौका मिलते ही भ्रष्ट अधिकारियों से हाथ मिलाकर अपना स्वार्थ पूरा करने में लग गए हैं।विधानसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता में आई और जनपद अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे कांग्रेसी को हटाकर जनपद सदस्य धनुर्जय कश्यप ने कब्जा जमा लिया। नए अध्यक्ष ने पद सम्हालते ही कहा कि विकासखंड में भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी कर्मियों को सुधार दिया जाएगा। इससे लोगों में उत्साह जागा कि नई सरकार में उत्साही नए जनपद अध्यक्ष दोषियों पर कार्रवाई करवाएंगे और ग्राम पंचायतों सरकारी धन का दुरूपयोग रोकते हुए जनहित के कार्य करवाएंगे। मगर यह आस जल्द टूट गई। कांग्रेस शासन के दौरान बकावंड क्षेत्र के भजपाई जिला पंचायत सदस्य और जनपद सदस्यों ने लामबंद होकर कांग्रेस कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और उसमें लिप्त जनपद सीईओ को हटवाने के लिए मुहिम चलाई थी। मगर यह मुहिम बेअसर रही। इसके बाद जब इन लोगों ने सीईओ की कुंडली खंगाली पता चला कि सरकार बदलने के बाद भी पुराना ढर्रा ही चल रहा है केवल जनपद अध्यक्ष ही नए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 15वीं वित्त कार्ययोजना 2024 के तहत दर्जनों ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिवों के माध्यम से करोड़ों रुपए का आहरण फर्जी कार्यों के आधार पर किया गया है। ग्राम पंचायतों में बोर कराने, वाटर फिल्टर लगवाने, पानी टैंकर उपलब्ध कराने आदि के नाम पर करोड़ों रुपए हजम कर लिए गए हैं।जैसे पानी टैंकर जिस आधार पर  नलपावंड, मूली, कोरटा, लावागांव समेत दर्जनों ग्रामपंचायतों में ऐसे कार्य कराना बताकर अपने खास फर्म के नाम से भुगतान कर बड़ा गोलमाल किया गया है।  उलनार, फरसी समेत अन्य गांवों में वाटर प्यूरीफायर की सप्लाई बताकर भी इसी प्रकार का गोलमाल किया गया है। नाली सफाई, पुलिया निर्माण के नाम पर भी जरूरत से ज्यादा भ्रष्टाचार कर जनपद अध्यक्ष धनुर्जय कश्यप और पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसएस मंडावी द्वारा भुगतान हेतु आदेश दिए गए हैं। इस कार्य योजना में जनपद सदस्यों की अनदेखी कर अध्यक्ष कश्यप और सीईओ मंडावी ने फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। जिस उम्मीद से बीजेपी ने बकावंड जनपद अध्यक्ष पद पर धनुर्जय कश्यप को मौका देकर कांग्रेस कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार सामने लाने का प्रयास किया था, वह सफल नहीं हो पाया। बल्कि नए अध्यक्ष ने जनपद सीईओ के साथ मिलकर पुराना खेल यथावत जारी रखा। अब जिला पंचायत के चुनाव और जनपद के चुनाव लड़ रहे बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों का कहना है अब वे आखिर किस मुंह से जनता के सामने वोट मांगने सामने जाएं?

*वर्सन*

*दिए हैं जांच के निर्देश*

जनपद पंचायत बकावंड में हुई गड़बड़ी के मामले में सीईओ को जांच कर रिपोर्ट पेश करने कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी 

    *-ऋषिकेश तिवारी,*

 एसडीएम, बकावंड 

*वर्सन*

*चुनाव के बाद करेंगे जांच*

अभी पंचायत चुनाव हो रहे हैं, चुनाव निपटते ही जांच कर वरिष्ठ अधिकारी को रिपोर्ट भेज दी जाइगी।

     *-  परमेश्वर कुर्रे,*

  सीईओ, जनपद पंचायत बकावंड

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