बीजापुर में ग्रामीणों की मेहनत रंग लाई, केशकुतुल में बनेगी सड़क, प्रशासन ने लिया संज्ञान


बीजापुर/ बीजापुर में पंचायत भैरमगढ़ अंतर्गत ग्राम केशकुतुल के ग्रामीणों द्वारा स्वयं के खर्च पर सड़क निर्माण की खबर जब बीते दिनों अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित की तो मामला प्रशासन तक पहुंचा। कलेक्टर संबित मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम विकास सर्वे एवं जनपद सीईओ पीआर साहू को केशकुतुल भेजकर समस्या की जमीनी हकीकत जानने के निर्देश दिए। 21 मई 2025 को दोपहर 3 बजे केशकुतुल में एसडीएम व सीईओ ने चौपाल लगाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य लच्छू मोड़ियामी, सरपंच पार्वती कोरसा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
बिना सड़क के जूझते रहे पहाड़ी टोले
ग्रामीणों ने बताया कि केशकुतुल पंचायत में 10 पारा व 1 टोला हैं, जो 30-34 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं। सुराखाड़ा सहित चार टोले पहाड़ी पर बसे हैं, जहां तक पहुंचने के लिए आज तक सड़क या पुल-पुलिया नहीं है। मनरेगा से सड़क निर्माण चट्टानों की वजह से संभव नहीं हो पाया, जिससे तंग आकर ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर स्वयं चट्टान काटने का बीड़ा उठाया।
बदली हैं परिस्थितियां
जनपद सीईओ पीआर साहू ने कहा कि पहले जब भी सड़क व पुल-पुलिया बनाने की बात हुई, तो ग्रामीणों द्वारा ही मना किया जाता था। आंगनबाड़ी स्वीकृत होने के बाद भी ग्राम पंचायत का भवन नहीं बनाने दिया गया। जिससे कई योजनाएं ठप हो गईं। अब जब परिस्थितियां बदली हैं और ग्रामीण सड़क, पुल-पुलिया की मांग करने लगे हैं तो बजट उपलब्ध होते ही निर्माण कार्य स्वीकृत किए जाएंगे। वहीं ग्रामीणों से चर्चा के बाद एसडीएम ने मुख्य मार्ग से पोटाकेबिन के बीच नाले पर एक पुलिया व सुराखाड़ा मार्ग पर दो पुलियों के निर्माण का भरोसा दिलाया। वहीं सीईओ ने ग्रामीणों की सहमति से मनरेगा के तहत 2 किमी सड़क निर्माण की स्वीकृति दी। जेसीबी से हुए 50,000 रुपये के कार्य के भुगतान की व्यवस्था कराने का आश्वसन देते हुए ग्रामीणों से कहा गया कि भविष्य में कार्यों में अपनी निजी राशि न लगाएं, धैर्य बनाए रखें।
विद्युतीकरण व अन्य मांगों पर भी मिला आश्वासन
ग्रामीणों ने गांव में बिजली पहुंचाने, कुएं और डबरी निर्माण की मांग की। एसडीएम ने विद्युत व्यवस्था के लिए सर्वे कराने व सीईओ ने जमीन से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने पर तत्काल स्वीकृति देने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि ग्रामीणों की जागरूकता और मीडिया की भूमिका के चलते प्रशासन ने इसे संज्ञान में लिया। अब उम्मीद जगी है कि केशकुतुल के दुर्गम पारा-टोले में जल्द ही सड़क, पुलिया और अन्य मूलभूत सुविधाओं पहुंचेगी।

