अबूझमाड़ नक्सल एनकाउंटर में मारा गया 25 लाख रुपये का कुख्यात इनामी नक्सली यसन्ना

रायपुर/ छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में नक्सल ऑपरेशन को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। डीआरजी जवानों और नक्सलियों के बीच करीब 50 घंटे से ज्यादा समय तक चली एनकाउंटर में 25 लाख रुपये का इनामी डीकेएसजेडसीएम (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) का कुख्यात नक्सली यसन्ना उर्फ जंगू नवीन भी मारा गया। 

60 साल के यसन्ना का असली नाम सज्जा वेंकट नागेश्वर राव था। वह आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का निवासी था। माओवादी उसे कोड नाम राजन्ना, मधु या यासन्ना बुलाते थे। वह साउथ जोनल कमेटी का सदस्य था और छत्तीसगढ़ सरकार ने उस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। 21 मई को हुई मुठभेड़ में 70 वर्षीय खूंखार नक्सली नंबाला केशव राव उर्फ अलियास बसवराजू, कुख्यात नक्सली यसन्ना उर्फ जंगू नवीन समेत कुल 27 नक्सली मारे गये हैं। 

दो जवानों की शहादत, घायलों का इलाज जारी
इस एनकाउंटर में दो डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) के जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं। पहला जवान भट्टबेड़ा गांव का रहवे वाला था जो पूर्व नक्सली था और सरेंडर कर डीआरजी में भर्ती हुआ था। दूसरा जवान बीजापुर का निवासी है, जो एक आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आया था। इसके अलावा कुछ अन्य जवान घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। सभी खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

नक्सलियों के शवों को लाया गया, सुरक्षा बलों में भारी उत्साह
मारे गए नक्सलियों के शवों को हेलीकॉप्टर से जिला मुख्यालय लाया गया है, जहां से पोस्टमॉर्टम और संबंधित औपचारिकतायें पूरी कर रवाना किया गया। इस दौरान सुरक्षा बलों के जवानों ने जश्न भी मनाया। 

माओवादी नेटवर्क की हिली नींव, लगा बड़ा झटका
इन खूंखार नक्सलियों के मारे जाने से नक्सली संगठन की नींव हिल गई है। नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि बसवराजू नक्सलियों के संगठन का शीर्ष लीडर था। उसे नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू उर्फ बीआर दादा उर्फ गगन्ना भी कहते थे। 

बसवराजू ने नवंबर 2018 में नक्सल संगठन की संभाली कमान 
छह फीट ऊंचे इस खूंखार नक्सली बसवराजू की बात करें तो नवंबर 2018 में नक्सली गणपति के बाद बसवराजू को नक्सल संगठन की कमान सौंपी गई थी। वह नक्सल संगठन का महासचिव, पोलित ब्यूरो का सदस्य और केंद्रीय समिति का सदस्य था। कई लेयर में उसकी सुरक्षा व्यवस्था रहती थी। उसकी सुरक्षा में आधुनिक हथियारों से लैस तीस से चालीस माओवादी हमेशा साथ में रहते थे। नक्सली गणपति के बाद वह नक्सल संगठन की कमान संभाल रहा था। उसे माओवादियों के मिलिट्री ऑपरेशन का प्रमुख भी बनाया गया था।

बीटेक की पढ़ाई के बाद थामा नक्सली संगठन का साथ
साल 2017 से ही बसवराजू पूरे संगठन को मुलापल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति की जगह लीड कर रहा था। खुफिया एजेंसी को उसके बारे में सिर्फ ये पता था कि उसका जन्म आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम में जुलाई 1955 में हुआ था। पढ़ाई में मेधावी बसवराजू ने वारंगल रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की डिग्री ली थी। वह इंजीनियर के साथ ही स्पोर्ट्स मैन भी था। कॉलेज के दिनों में वह वॉलीबाल में आंध्रप्रदेश को नेशनल चैंपियनशिप में रिप्रजेंट किया था।

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