कथित चावल घोटाले की जांच की आंच पहुंचेगी बस्तर तक

केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय की टीम कर रही है जांच =
= पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह ने की थी केंद्रीय मंत्री से मामले की शिकायत =
जगदलपुर 12 May, (Swarnim Savera) । छत्तीसगढ़ में गरीबों के हिस्से के चावल के घोटाले की जांच की आंच बस्तर जिले तक पहुंचने की प्रबल संभावना है। यहां भी गरीबों के राशन की बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। छत्तीसगढ़ में हुए चावल घोटाले की जांच करने केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय की टीम रायपुर पहुंची है।
छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर हुए 6 हजार करोड़ के चावल घोटाले की जांच के लिए केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय की एक बड़ी टीम मामले की जांच करने रायपुर आई हुई है और उसने जांच शुरू भी कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के चावल घोटाले की शिकायत केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से की थी। डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में 6 हजार करोड़ के चावल घोटाले का आरोप लगाया है। डॉ. रमन सिंह द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक कोविड 19 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना आरंभ की थी। इसके तहत अप्रैल 2020 से देशभर के गरीब परिवारों के प्रतिमाह प्रति सदस्य 5 किलोग्राम अतिरिक्त चावल देने का प्रावधान है। योजना के अनुसार छत्तीसगढ़ को भी राज्य के गरीब परिवारों के लिए प्रतिमाह 11 लाख 53 हजार 380 क्विंटल चावल का अतरिक्त आवंटन किया जा रहा है। डॉ. रमन सिंह के अनुसार अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक छत्तीसगढ़ को इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ को कुल 3 करोड़ 80 लाख 61 हजार 540 क्विंटल अतिरिक्त चावल का आवंटन केंद्र से मिला था। अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक इसमें से मात्र 2 करोड़ 29 लाख 80 हजार 711 क्विंटल चावल का ही वितरण गरीब परिवारों को किया गया है। शेष 1 करोड़ 50 लाख 80 हजार 829 क्विंटल चावल गरीबों तक पहुंचा ही नहीं है। इस चावल की कुल कीमत 5 हजार 127 करोड़ रुपए आंकी गई है। डॉ. रमनसिंह ने इस रकम की अनियमितता का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री से जांच की गुजारिश की थी। केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घोटाले की जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम छत्तीसगढ़ भेजी है। इस टीम में एसआर मीणा डीएस पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन, राजेश कुमार पंडीर अंडर सेक्रेटरी पीडीएस, अंकित त्यागी और राहुल शामिल हैं। इनके अलावा अन्नपूर्णा हैदराबाद के एनआईसी टेक्नीकल डायरेक्टर को भी शामिल किया गया है। यह टीम 10 मई को रायपुर पहुंची और आते ही मामले की जांच में जुट गई। टीम मई 12 मई तक यहां रहेगी। छ्ग विधानसभा के बजट सत्र में भी डॉ. रमन सिंह ने चावल घोटाले का मुद्दा उठाया था। तब डॉ. रमन सिंह ने आरोप लगाया था कि, केंद्रीय पुल के चावल वितरण में जमकर घोटाला हुआ है।
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बस्तर में तो चावल, शक्कर, चना, सब चट कर गए
बस्तर जिले में भी गरीब आदिवासियों के हिस्से का पूरे का पूरा राशन ही दुकान संचालक चट कर गए हैं। बस्तर जिले के बकावंड एवं बस्तर विकासखंडों की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों की जांच में पचासों दुकानों में गड़बड़ी उजागर हुई है, लेकिन किसी भी दुकान संचालक के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। सूत्र बताते हैं कि पूरे जिले की शासकीय राशन दुकानों इसी तरह से राशन की हेराफेरी की गई है। क्षेत्र के एक सीनियर फूड इंस्पेक्टर द्वारा राशन दुकानों में की गई जांच में खुलासा हुआ है कि दुकान संचालक सैकड़ों क्विंटल चावल, शक्कर, गुड़, चना, नमक हजम कर गए हैं। इस खाद्यान्न की कीमत करोड़ों में बताई गई है। सीनियर फूड इंस्पेक्टर ने जांच रिपोर्ट एसडीएम को काफी पहले सौंप दी थी, मगर आज तक कार्रवाई नहीं हुई है। इस राशन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का चावल भी शामिल होने की बात कही जा रही है।

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