राज्य में नशामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का शुभारम्भ आज मुख्यमंत्री ने किया…

नशाखोरी एक सामाजिक बुराई, इसे रोकने सामाजिक संस्थाएं आगे आएं…मुख्यमंत्री

  • नशामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान में राज्य शासन हर संभव मदद को तैयार…

रायपुर, 14 मई (Swarnim Savera) : भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित नशामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का शुभारम्भ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ विधायक एवं शराबबन्दी लागू करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा, गृह सचिव अरूण देव गौतम, डॉ. बनारसी लाल साह, डॉ. सचिन परब, क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी, बीके आशा दीदी और बीके सविता दीदी ने दीप प्रज्वलित करके किया।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नशाखोरी को सामाजिक बुराई बतलाते हुए कहा कि सरकार और सामाजिक संस्थान दोनों को मिलकर काम करने की जरूरत है। नशामुक्त समाज बनाने के लिए ब्रह्माकुमारीज जैसी और भी संस्थाएं आगे आएं। तो सरकार की ओर से उन्हे हर सम्भव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने बहुत सुन्दर दुनिया बनाई है। यहाँ अच्छे-अच्छे लोग रहते हैं। सभी आपस में भाई-चारे के साथ रहें। एक दूसरे का सहयोग करें और यह दुनिया तरक्की करे। यही हम सबका उद्देश्य होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति को और परिवार को बरबादी की राह पर ले जाता है। नशा किसी के लिए भी लाभप्रद नहीं है। उन्होंने चुनाव के समय शराबबन्दी के वायदे की चर्चा करते हुए बतलाया कि चुनाव से पहले वह एक महिला सम्मेलन में गए थे जहाँ पर महिलाओं ने कहा कि शराबबन्दी होनी चाहिए तो उनके दबाव में आकर उन्होंने भी घोषणा कर दी की राज्य में शराबबन्दी होनी चाहिए। लेकिन यह कोई समाधान नहीं है। क्योंकि अगर हम यहाँ पर शराबबन्दी लागू करेंगे तो दूसरे पड़ोसी राज्यों से शराब लाकर लोग यहाँ बेचने लगेंगे।

मुख्यमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि शराबबन्दी की घोषणा तो हम अभी कर सकते हैं किन्तु क्या यह उचित होगा? कोविड के समय हमने देखा कि लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में आवाजाही बन्द थी लेकिन तब भी लोग नशे का जुगाड़ कर ही लेते थे। कई लोग सेनिटाईजर पीकर मर गए। इसलिए सरकार शराबबन्दी लागू नहीं कर रही है। सरकार ऐसी कोई योजना लागू नहीं करना चाहती है जिससे किसी की जान चली जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में शराबबन्दी की बजाए नशामुक्ति के लिए अभियान चलाए जाने की जरूरत है।

वरिष्ठ विधायक और राज्य में शराबबन्दी लागू करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने  कहा कि हरेक व्यक्ति जानता है कि शराब का सेवन करना उचित नहीं है फिर भी आत्म विश्वास की कमी के कारण वह उसे छोड़ नहीं पाता। स्कूलों और कालेजों में बच्चों को जागरूक करने की अवश्यकता है। हमने अध्ययन के दौरान देखा है कि जिन राज्यों में शराबबन्दी लागू है वहाँ पर दूसरे राज्यों से शराब लाकर लोग बेच रहे हैं। लीकरवार जब तक बन्द नहीं होगा नशामुक्ति नहीं हो सकती है।

गृह सचिव अरूण देव गौतम ने ब्रह्माकुमारीज के नशामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर लोगों को नशामुक्त कर सकता है। क्योंकि नशामुक्ति के लिए आन्तरिक शक्ति चाहिए जो कि आध्यात्मिकता से ही आएगी। नशाखोरी के लिए पारिवारिक बिखराव भी जिम्मेदार है। संयुक्त परिवार में परिवार का दबाव होने से नशाखोरी से बचे रहते थे।

माउण्ट आबू से पधारे मेडिकल विंग के अध्यक्ष डॉ. बनारसी लाल शाह ने कहा कि नशामुक्ति सिर्फ सरकार का काम नहीं है। हमारी संस्थान राज्य सरकार के साथ मिलकर नशामुक्ति अभियान को सफल बनाएगी।

मुम्बई के डॉ. सचिन परब ने मेडिकल की भाषा में बतलाया कि जीवन में खुशी प्राप्त करने के लिए डोपामीन नामक हारमोन जरूरी है। लोगों को जब परिवार में या जीवन में खुशी नहीं मिलती तो वह नशाखोरी करने लगते हैं। हमारी कोशिश होगी कि नशामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के दौरान हम स्कूल, कालेज और सामाजिक प्रतिष्ठानों में जाकर राजयोग मेडिटेशन के द्वारा उन्हें नशाखोरी से बचाने तथा जागरूक करने का कार्य करेंगे।

इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने बतलाया कि नशा नाश का द्वार है और शराब सबसे खराब है। इसलिए जीवन में खुशहाली लाने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है।

भिलाई केन्द्र की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने सामूहिक योगाभ्यास कराया तथा आभार प्रदर्शन किया।

जगदलपुर की संचालिका ब्रह्माकुमारी मंजूषा दीदी ने बतलाया कि जगदलपुर में 65 आदिवासी ग्रामों में यह संस्थान राजयोग के द्वारा नशामुक्ति के लिए कार्य कर रही है जिससे हजारों परिवारों में खुशियाँ लौटी हैं। संचालन धमतरी केन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने किया।

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