अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने की ओर अग्रसर हैं रेखचंद जैन

जगदलपुर सीट में सर्वाधिक वोट हासिल करने का तमगा मिल चुका है विधायक को =

= कांग्रेस भरोसा जताती है, तो अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेंगे =

*- अर्जुन झा -*

*जगदलपुर।* पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से रेखचंद जैन ऐसे प्रत्याशी रहे हैं, जिन्होंने जगदलपुर विधानसभा सीट के इतिहास के सभी चुनावों के रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए सवार्धिक मत प्राप्त किए थे। इस बार आलाकमान अगर उन पर फिर से भरोसा जताता है, तो श्री जैन अपने ही रिकार्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड बना लेंगे। बस्तर की इस इकलौती सामान्य सीट पर रेखचंद जैन ने एक विधायक के तौर पर जो कार्य कर दिखाए हैं और पार्टी की धारा के साथ चलते हुए भूपेश है तो भरोसा है के विश्वास को जनता तक पंहुचाया है, उनसे साफ नजर आता है कि रेखचंद इस बार भी जगदलपुर में कांग्रेस का परचम लहराने में जरूर कामयाब हो जाएंगे।

रेखचंद जैन की छवि शहरी मतदाताओं के अलावा ग्रामीण मतदाताओं के बीच सर्वाधिक जननेता के रूप में लोकप्रिय हो चुकी है। युवा मतदाता, महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग सभी रेखचंद के कामकाज से काफी प्रभावित हैं। जो माता पिता पहले राजनीति को गंदगी बताते रहे हैं, उनकी भी धारणा विधायक श्री जैन ने बदल डाली है। ऐसे माता – पिता अब रेखचंद जैन की उपस्थिति में आयोजित होने वाले हर धार्मिक, समाजिक व राजनैतिक कार्यक्रम में अपने बच्चों को भेजने में जरा भी गुरेज नहीं करते हैं, बल्कि अपनी संतानों को जाने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। ऐसे मतदाता जो 20 से 35 वर्ष आयु वाले हैं, वे रेखचंद जैन को अपना आइकन मानने लगे हैं। उनका कहना है कि श्री जैन ने नए राजनैतिक संस्कारों का बीजरोपण किया है।

*सबके सुख – दुख के साथी बन गए हैं जैन*

विधायक के रूप में काम करते हुए रेखचंद जैन ने जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास की धारा तो बहाई ही है, वे क्षेत्र के हर परिवार के सुख दुख के साथी की भी भूमिका बखूबी निभाते आए हैं। किसी परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर श्री जैन उस परिवार का दुख साझा करने तुरंत पहुंच जाते हैं। जो गरीब लोग अपने बीमार परिजन का इलाज नहीं करा पाते और जो लोग गरीबी के कारण अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाते, उन परिवारों को श्री जैन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विशेष आग्रह कर आर्थिक मदद उपलब्ध कराते हैं। अब तक सैकड़ों परिवारों को वे मुख्यमंत्री के विशेष कोष से आर्थिक सहायता दिला चुके हैं। क्षेत्र के गांवों में बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र भवन, पंचायत भवन, धान खरीदी केंद्र, खाद बीज भंडारण गोदाम आदि का इंतजाम श्री जैन ने कराया है। इसके अलावा उन्होंने प्रमुख गांवों में पेयजल टैंकर की भी व्यवस्था कराई है। ये टैंकर उन प्रमुख गांवों के साथ ही आसपास के गांवों के भी लोगों को गर्मियों के दौरान शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराते हैं। सार्वजनिक और पारिवारिक कार्यक्रमों के जलापूर्ति में भी ये टैंकर अहम रोल अदा करते हैं।

*आगे बढ़ा रहे हैं बघेल की सोच को*

विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन न सिर्फ जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच, आदर्शो और सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का महति कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आदिवासियों के आस्था स्थलों, देवगुड़ी व मातागुड़ी के जीर्णोद्धार व नव निर्माण का जो बीड़ा उठाया है, उसे फलीभूत करने में रेखचंद जैन कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। वे अब तक जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग दो सौ देवगुड़ियों और मातागुड़ियों का कायाकल्प करा चुके हैं। यही वजह है कि क्षेत्र के आदिवासियों का कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भरोसा काफी मजबूत हुआ है। अपने ग्राम के सरपंच और अन्य प्रमुखों के साथ विधायक श्री जैन के कार्यालय में पहुंचे क्षेत्र के एक बुजुर्ग ने भूपेश है, तो भरोसा है का नारा बुलंद कर इस बात की तस्दीक कर दी थी।

 *चुनावी नतीजों पर एक नजर*

जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनावी नतीजों पर नजर डालें, तो पता चलता है कि श्री जैन ने भाजपा के इस गढ़ में कितनी बड़ी सेंध लगा दी है। वे इस सीट पर अब तक सर्वाधिक वोट पाने वाले विधायक बन गए हैं। सन 2018 के चुनाव में रेखचंद जैन को 76 हजार 556 मत प्राप्त हुए थे, जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार संतोष बाफना को महज 49 हजार 116 वोट मिले थे। इसके पूर्व 2013 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 68 हजार 403 वोट व प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को 48 हजार 145 वोट, 2008 के चुनाव में भाजपा को 55 हजार 3 वोट व कांग्रेस को 37 हजार 479 वोट और 2003 के चुनाव में भाजपा को 60 हजार 327 वोट और कांग्रेस को 30 हजार 38 वोट हासिल हुए थे। इस तरह रेखचंद जैन ने वोटों के मामले में एक नया कीर्तिमान रचा है। विधायक के रूप में रेखचंद जैन की पहली पारी को राजनीतिक विश्लेषक बहुत ही सफलतम मान रहे हैं। उनका दावा है कि कांग्रेस ने उन्हें फिर से मैदान पर उतारा, तो वे अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए और भी भारी अंतर से जीत दर्ज कराएंगे।

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