अवाम के पेट ही नहीं, सेहत की भी चिंता करती है भूपेश सरकार

वनोपजों से निर्मित खाद्य पदार्थों का अमेरिका में लोहा मनवाने वाले ग्रामीणों का कराया मुफ्त ईलाज = 

*-अर्जुन झा-*

*लोहंडीगुड़ा।* छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार न सिर्फ अपनी अवाम के पेट भरने के लिए फिक्रमंद रहती है, बल्कि उसकी सेहत का भी पूरा ध्यान रखती है। बस्तर की वनोपजों से खाद्य पदार्थ तैयार कर अंचल के आदिवासी पुरुष व महिलाएं अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रदेश की कांग्रेस सरकार की जमीनी पहल से संभव हो पाया है। यहां की वनोपजों से निर्मित खाद्य पदार्थों से छत्तीसगढ़ का मान अमेरिका में बढ़ाने वाले लोहंडीगुड़ा के आदिवासियों के लिए छ्ग शासन के स्वास्थ्य विभाग ने निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। सैकड़ों लोगों का मुफ्त ईलाज कर उन्हें दवाइयां दी गईं।

बस्तर के वनोपजों से निर्मित खाद्य पदार्थों की कई देशों में भारी डिमांड है।अमेरिका के लोग भी यहां की वनोपजों से तैयार उत्पादों को खूब पसंद कर रहे हैं। खासकर ईमली से बने उत्पादों की अमेरिका में जबरदस्त मांग है। यहां से भारी मात्रा में ईमली प्रोडक्ट अमेरिका भेजे जाने लगे हैं। लोहंडीगुड़ा के एक उद्योग में तैयार ईमली प्रोडक्ट निरंतर अमेरिका एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं। कुछ माह पहले ही यहां के एक उद्योग द्वारा तैयार ईमली उत्पादों की बड़ी खेप को बस्तर के सांसद दीपक बैज और उनकी धर्मपत्नी पूनम बैज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। बस्तर के जंगलों में ईमली, महुआ, चार, तेंदू, छिंद आदि बहुतायत में पाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इन वनोपजों से तरह – तरह के खाद्य पदार्थ बनाने की गतिविधि को भरपूर बढ़ावा दे रही है। इसी के तहत बस्तर के लोहंडीगुड़ा, बकावंड समेत अन्य स्थानों पर उद्योगों की स्थापना कराई गई हैं। इन उद्योगों में महुआ, ईमली, छिंद आदि से तरह – तरह के खाद्य पदार्थ तैयार किए जा रहे हैं। इन उद्योगों में स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों और महिलाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार तो मिल ही रहा है, भूपेश बघेल सरकार की यह पहल सात समंदर पार के देशों में बस्तर को विशेष पहचान भी दिला रही है। लोहंडीगुड़ा स्थित उद्योग बस्तर फार्मर क्रोसर एग्रो ग्रुप में ईमली से कैंडी, जैम समेत विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार किए जा रहे हैं। इन उत्पादों की यूएसए के लोग बहुत पसंद कर रहे हैं और अमेरिका की फर्मों से इनकी भारी डिमांड आ रही है। इस उद्योग ने अपने ईमली प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट करना शुरू किया है। उद्योग द्वारा दस टन ईमली उत्पादों की बड़ी खेप अमेरिका भेजी गई। ईमली उत्पादों से भरे ट्रकों को सांसद दीपक बैज और उनकी धर्मपत्नी पूनम बैज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान सांसद दीपक बैज उनकी धर्मपत्नी पूनम बैज, सुपुत्र सूर्यांश बैज, उसरीबेड़ा के उप सरपंच केदार सिंह ढेक और फैक्ट्री के मैनेजर व कर्मचारी सहित अन्य लोग मौजूद थे।

*बॉक्स*

*औद्योगिक क्रांति के साथ हेल्थ अवेयरनेस भी*

जबसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वनोपजों को अहमियत देना शुरू की है और गांवों में छोटे मंझोले उद्योगों की स्थापना के लिए कदम बढ़ाए हैं, बस्तर में औद्योगिक क्रांति आ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रूरल इंडस्ट्रीयल पार्को ( रिपा ) की स्थापना

बड़े पैमाने कराई है। लोहंडीगुड़ा, बकावंड समेत अनेक स्थानों पर उद्योग स्थापित किए गए हैं। ये उद्योग महिला स्व सहायता समूहों व निजी क्षेत्रों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। इन सभी उद्योगों में स्थानीय आदिवासी पुरुषों, महिलाओं और युवाओं को भरपूर रोजगार मिल रहा है। भूपेश बघेल ने न सिर्फ यहां औद्योगिक क्रांति लाई है, बल्कि हेल्थ अवेयरनेस की दिशा में भी उनकी सरकार का परफॉरमेंस बेहतरीन है। हाट बाजार क्लीनिक और स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन से लोगों को भरपूर लाभ मिल रहा है। यहां के आदिवासियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी आई है।. पहले लोग झाड़ फूंक का सहारा लेते थे, अब डॉक्टरों की शरण में जाते हैं। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र वाडंजी में स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य मेले में जिला चिकित्सालय जगदलपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहंडीगुड़ा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलर के डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवाएं दी। ग्रामीणों के सभी प्रकार के रोगों का ईलाज किया गया। पीड़ितों को दवाइयां भी दी गईं। सैकड़ों लोगों ने इसका लाभ उठाया।

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