करोड़ों के सी मार्ट को बना दिया गया है कचरा मार्ट…!

कूड़े के ढेर, गंदगी और बदबू से लोग हो रहे हैं हलाकन =

= मुख्यमंत्री के हाथों लोकर्पित सी मार्ट का बेड़ागर्क कर दिया है नगर निगम ने = 

*-अर्जुन झा-*

*जगदलपुर।* नगर के हृदय स्थल में स्थापित सी मार्ट के गौरव का नगर निगम ने मटियामेट कर दिया है। कुछ माह पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों लोकर्पित हुए इस सी मार्ट को कचरा मार्ट बनाकर रख दिया गया है। कूड़े के ढेर, बजबजाती नालियों और बदबू से घिरे सी मार्ट से अब ग्राहक भी किनारा करने लगे हैं। नगर निगम की लचर सफाई व्यवस्था ने सी मार्ट का भट्ठा बिठा दिया है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के बाद राज्य के शहरों में लोगों को वाजिब दर पर गुणवत्ता युक्त राशन सामग्री तथा वनोपजों से निर्मित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए सी मार्ट की स्थापना कराई है। इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ड्रीम प्रोजेक्ट भी माना जाता है। जगदलपुर के पुराने बस स्टैंड में भी भव्य सी मार्ट का निर्माण करोड़ों रुपए खर्च कर नगर निगम के माध्यम से कराया गया है। इस सी मार्ट का उद्घाटन कुछ ही माह पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। तब शहर की मेयर सफीरा साहू और नगर निगम के तमाम बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। शुरू शुरू में तो सबकुछ ठीक ठाक चलता रहा। नगर निगम सी मार्ट और उसके आसपास के भाग की नियमित सफाई कराने पर पूरा ध्यान देता था। धीरे धीरे नगर निगम प्रशासन पुराने ढर्रे पर आ गया। साफ सफाई बंद कर दी गई और सी मार्ट को उसके हाल पर छोड़ दिया गया।जगदलपुर के पुराने बस स्टैंड इलाके की पहचान शहर के हृदय स्थल के रूप में बनी हुई है। सी मार्ट बनने के बाद इस इलाके की रौनक बढ़ गई थी। यह क्षेत्र वास्तव में शहर का दिल बन गया था, मगर नगर निगम ने इस दिल में ऐसी छेद कर दी है कि सी मार्ट मरणासन्न स्थिति में पहुंच गया है। करोड़ों की लागत से बना सी मार्ट अब कूड़ेदान में बदल गया है। सी मार्ट के सामने कूड़ा कचरा के ढेर लगा दिए गए हैं। सामने की नाली गंदगी और मलबे से पट गई है। नाली की गंदगी छलक कर सी मार्ट के सामने और अगल बगल की सड़क पर फैल गई है। सी मार्ट सहित आसपास के पूरे इलाके में तेज बदबू फैली रहती है।सी मार्ट के पास ही संचालित होटल के मालिक ने सी मार्ट के सामने की जमीन को पार्किंग प्लेस बना लिया है। होटल पहुंचने वाले ग्राहकों के वाहन इसी जगह पर बड़ी बेतरतीबी से खड़े रहते हैं, जिससे आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है। होटल संचालक की इसमें विशेष भूमिका है। लोग सी मार्ट के सामने ही मूत्र त्याग भी करते हैं, जिससे भयावह दुर्गन्ध उठती रहती है। मूत्र की गंध और नाली की बदबू से सब परेशान हो उठे हैं। सी मार्ट के सामने एक वट वृक्ष भी है। महिलाएं और पुरुष इस वृक्ष की पूजा करने पहुंचते हैं। इस पवित्र वृक्ष को भी गंदगी ने घेर लिया है। लोगों को पूजा करने में अड़चन आ रही है और उनकी धार्मिक भावना आहत हो रही है।

*बॉक्स*

*सी मार्ट में कारोबार हुआ चौपट*

सी मार्ट में राशन, तेल, दाल, चावल, गेहूं, साबुन, वाशिंग पाउडर, सौंदर्य सामग्री तथा वनोपज से निर्मित महुआ लड्डू, तिखुर व अन्य खाद्य सामग्री की दुकानें हैं। इन दुकानों का संचालन बेरोजगार युवाओं और स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जाता है। सी मार्ट की दुकानों का भारी भरकम किराया उन्हें चुकाना पड़ता है। शुरू शुरू में तो वहां धंधा अच्छा चलता रहा, मगर जबसे नगर निगम ने सी मार्ट की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी से कन्नी काट ली है, तबसे ग्राहकों का वहां पहुंचना लगभग बंद हो गया है। दुकानदार हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। सी मार्ट का पूरा कारोबार चौपट हो गया है। युवाओं और स्व सहायता समूहों की महिलाओं के समक्ष बेरोजगारी का संकट पैदा हो गया है। उनके लिए किराया भाड़ा और कर्मचारियों का परिश्रमिक निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है। इसकी एकमात्र वजह सी मार्ट के आसपास पसरी गंदगी और बदबू है। उपभोक्ताओं का कहना है कि हम सस्ते के चक्कर में बीमारी मोल लेने सी मार्ट नहीं जा सकते। नगर निगम सफाई व्यवस्था दुरुस्त करेगा, तभी हम खरीदारी करने सी मार्ट जाएंगे।

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