स्वरुपानंद महाविद्यालय में 15 दिवसीय मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम का समापन

भिलाई /- स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में माईक्रोबायोलॉजिस्ट सोसायटी, इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में ”फिजिको कैमिकल और माईक्रोबायोलॉजिकल एनालिसिस ऑफ ड्रिंकिंग वाटर“ पर 15 दिवसीय मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम का समापन समारोह संपन्न हुआ। इस पाठ्यक्रम में महाविद्यालय के पैतालीस छात्रो के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भी छात्रो ने भाग लिया जिसमे तेलगाना के टीएसडब्लूआरडीसी महाविद्यालय के छियालीस छात्र, डॉन बास्को विश्वविद्यालय असम, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, संतरागाची हावड़ा पश्चिम बंगाल से शोधार्थियों ने भी भाग लिया। विभिन्न जल स्त्रोतों जैसे शिवनाथ नदी, दुर्ग-भिलाई के तालाब, नल, कुए एवं बोर के पानी का रासायनिक एवं सूक्ष्मजीव परीक्षण किया गया जिससे ज्ञात हुआ कि दुर्ग-भिलाई के ब्यानवें प्रतिशत जलाशयों का पानी पीने योग्य है। शिवनाथ नदी का पानी शुद्विकरण के पश्चात पीने हेतु उपयोग में लेना चाहिये।

 कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन, दीप प्रज्ज्वल एवं राज्य गीत से हुआ जिसे सुश्री देवीना यादव, श्रुति वैष्णव एवं स्नेहा देशमुख ने स्वरित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर.एन. सिंग, प्राचार्य शासकीय वी.व्हाय.टी.पी.जी. स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग थे तथा अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने किया। कार्यक्रम की संयोजिका विभागाध्यक्ष सूक्ष्यजीव विज्ञान डॉ. शमा ए. बेग ने 15 दिवसीय मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम का सारगर्भित वक्तव्य पढ़ा और बताया कि अतिथि व्याख्यान हुए और रासायनिक एवं सूक्ष्य जैविक प्रायोगिक परीक्षण किये गये। रासायनिक जल परीक्षण महाविद्यालय एवं बीआईटी की रसायन शास्त्र प्रयोगशाला में किया गया। डॉ. संतोष सार डीन एवं विभागाध्यक्ष, रसायन शास्त्र बीआईटी, दुर्ग और स.प्रा. मोनिका मेश्राम के मार्गदर्शन में रासायनिक परीक्षण किये गये। विभिन्न स्थलों से एकत्र किये गये जल में से 37 स्त्रोतों का जल पीने योग्य पाया गया। छात्रों को जल शोधन संयंत्र का भ्रमण व्यावहारिक ज्ञान हेतु कराया गया जहां उन्होंने पानी के शुद्धिकरण की प्रक्रिया देखी। यह प्रक्रिया श्री दिनेश मिश्रा एवं सुश्री सुरुचि ताम्रकार ने समझायी। छात्रों को अंजोरा स्थित बिसलेरी उद्योग का भ्रमण कराया गया जहॉं उन्होंने भूमिगत जल के शोधन प्रक्रिया एवं बिसलेरी बॉटल निर्माण से लेकर पैकिंग तक की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक देखा एवं उससे लाभान्वित हुये।

 महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. मोनिषा शर्मा ने सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग को जल पर 15 दिवसीय मूल्य वर्धक पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न कराने हेतु बधाई दी और छात्र ऐसे पाठ्यक्रमों में भाग लेकर विषय का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकते है।

मुख्य अतिथि डॉ. आर.एन. सिंग ने मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम को विस्तारित करते हुये अपने व्याख्यान में पानी की महत्ता एवं मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम की उपयोगिता एवं उद्देश्यों से छात्रों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जिस पाठ्यक्रम में व्यावहारिक ज्ञान, प्रायोगिक ज्ञान, जागरुकता क्रमबद्ध सम्मिलित हो वह मूल्य वर्धक पाठ्यक्रम होते है और छात्रों को इस तरह के कोर्स में भाग लेकर उसे अपने कौशल विकास एवं जीवकोपार्जन के लिये उपयोग करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को पानी के संचयन एवं पुर्नउपयोग के लिये प्रेरित किया और कहा कि तृतीय विश्व युद्ध पानी के लिये होगा ऐसा संभावित है क्योंकि तेल का विकल्प हमें मिल गया है परन्तु पानी का नहीं। पानी अमूल्य धरोहर है। अतः हमें इसे सहेजना और संरक्षित करना होगा उन्होंने ऐसे मूल्य वर्धक कार्यक्रम के लिये प्राचार्य एवं समस्त सूक्ष्मजीव विज्ञान के शिक्षकों को बधाई दी।

 प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग के द्वारा कराया गया यह जल पर 15 दिवसीय फिजिको कैमिकल एवं माईक्रोबॉयोलॉजिकल कोर्स अत्यधिक व्यवस्थित, आईक्यूएसी द्वारा मान्य, व्यावहारिक, मूल्यवर्धक एवं रोजगारमूलक है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों ने पानी की महत्ता, रासायनिक गुणवत्ता, सूक्ष्मजीवों द्वारा जल जनित रोगों और उसके समाधान का सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त किया। 

छात्रों का मूल्यांकन कौशल परीक्षा द्वारा तीन चरणों में किया गया, जिसमें पोस्टर प्रतियोगिता, बहुवैकल्पिक प्रश्न तथा तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता थे जिसमें पोस्टर प्रतियोगिता में छात्रों में वी. सुष्मिता, बीएससी, शांति कुमारी द्वितीय वर्ष बीएससी टी एस डब्ल्यू आरडीसी, केसर पटेल बीएससी तृतीय वर्ष, सूक्ष्मजीवविज्ञान, स्वरूपानंद महाविद्यालय तथा के पुष्पीथा बीएससी टीएस डब्ल्यू आरडीसी ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया तथा शोधार्थियों में सुखमनजीत कौर, पंजाब एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, तनवीर, लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय तथा रक्तीम, पश्चिम बंगाल ने प्राप्त किया तथा तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में सैय्यदा तमन्ना यासमीन शोधार्थी डॉन बास्को विश्वविद्यालय असम ने प्रथम, बी. माधवी बीएससी टीएसडब्ल्यू आरडीसी, तेलंगाना ने द्वितीय व आदिती पाण्डेय, बीएससी द्वितीय वर्ष सूक्ष्मजीवविज्ञान, स्वरूपानंद महाविद्यालय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

 इन तीनों चरणों तथा सक्रिय सहभागिता के आधार पर सभी प्रतिभागियों को ग्रेड प्रदान किया गया।

 मुख्य अतिथि द्वारा सभी छात्र-छात्राओं तथा अतिथि व्याख्याता एवं विभिन्न प्रतियोगिता के निर्णायकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। समापन सत्र में डॉ. संजू सिंह और डॉ. अल्का मिश्रा स. प्रा. जीव विज्ञान शासकीय वी.व्हाय.टी.पी.जी. स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग विशेष रूप से उपस्थित हुए । छात्रों ने अपना अनुभव साझा किया जिसमे सुश्री हर्षा सिंह एमएससी तृतीय वर्ष ने कहा इस पाठ्यक्रम के द्वारा मैंने जल परीक्षण एक जल शोधन कि प्रकिया की प्रथम बार प्रायोगिक रुप में देखा अब यह प्रक्रिया मुझे कंठस्थ हो गयी है। सुश्री शैरी एमएससी प्रथम सेमेस्टर ने कहा कि इन पंद्रह दिनों ने उसे जल के विभिन्न जल जनित रोगों एवं उससे बचाव की जानकारी प्राप्त की। बिसलेरी उद्योग के भ्रमण से मैंने भूमिगत जल से मिनिरल वाटर के निर्माण एवं उसके पैकेजिंग के बारे में जाना और यह अनुभव मेरे लिए अत्यधिक उत्साह वर्धक रहा जिसे मैंने बहुत मन से सीखा और यह मुझे अत्यंत सरल लगा। खुशी चौधरी एमएससी प्रथम सेमेस्टर सूक्ष्मजीवविज्ञान ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के द्वारा उसे पानी के शुद्धीकरण की विभिन्न प्रक्रिया के बारे में ज्ञात हुआ। कार्यक्रम में हुए व्याख्यान एवं प्रायोगिक षिक्षा ने उसे जल परीक्षण की विभिन्न तकनीकों में पारंगत हुई। ऑनलाईन प्रतिभागियों सुखमनजीत कौर, कमलजीत कौर, तमन्ना सैय्यदा, रक्क्तिम चक्रवर्ती ने भी अपना अनुभव साझा किया। कार्यक्रम में विज्ञान संकाय के छात्र-छात्रायें सम्मिलित हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापिका सुश्री योगिता लोखण्डे एवं सुश्री समीक्षा मिश्रा ने अपना विशेष योगदान दिया। 

कार्यक्रम में मंच संचालन सुश्री समीक्षा मिश्रा द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन सुश्री योगिता लोखण्डे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ. रजनी मुदलियार, श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी, श्रीलता नायर, मोनिका मेश्राम एवं दिपाली किंगरानी ने उपस्थित रहकर छात्रों को प्रोत्साहित किया।

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