घोषणा पत्र और संकल्प पत्र का सबको है बेताबी से इंतजार

राहुल गांधी और प्रियंका कांग्रेस की ओर से कर सकते हैं बड़ी घोषणाएं =

*जगदलपुर।* प्रथम चरण में 20 विधानसभा क्षेत्रों के प्रस्तावित मतदान के लिए मात्र 12 दिन बाकी हैं। अभी तक कांग्रेस का घोषणा पत्र और भाजपा का संकल्प पत्र आम मतदाताओं के समक्ष जारी नहीं हुआ है। इनका मतदाताओं, खासकर पिछड़ा वर्ग और आदिवासियों को इसका बेसब्री से इंतजार है।

कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि 30 अक्टूबर को प्रियंका गांधी वाड्रा कोई बड़ी घोषणा कर सकती हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी के भी छत्तीसगढ़ आगमन पर उनके माध्यम से भी कुछ बड़ी घोषणाएं करवाई जा सकती हैं। 

*वनोपजों की दाम पर मंथन*

कांग्रेस के अंदरखाने से जो सूचनाएं बाहर आ रही हैं, उसके मुताबिक वनोपजों की कीमतें बढ़ाई जाने को लेकर मंथन चल रहा है और वन विभाग के बड़े अधिकारियों को आंतरिक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है कि तेंदूपत्ता, इमली, महुआ, चिरौंजी के साथ ही अन्य वन उपजों के लिए कितनी राशि की बढ़ोतरी करके आदिवासियों को लाभ पहुंचाया जा सकता है। यह घोषणा भी बहुत जल्द होने जा रही है।

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*किसानों के लिए भूपेश कर चुके हैं घोषणा*

धान की खरीदी दर बढ़ाने और बोनस के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही घोषणा कर चुके हैं। इससे किसानों में उत्साह का वातावरण बन चुका है। प्रथम चरण में बस्तर संभाग, राजनांदगांव और कवर्धा जिले के विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है। यहां आदिवासी मतदाता ज्यादा हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार के अंदर मंथन का दौर जारी है।

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*प्रधानमंत्री मोदी से है उम्मीद*

आम मतदाताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं को भाजपा के संकल्प पत्र का इंतजार है। लोगों में इस बात को लेकर जिज्ञासा बनी हुई है कि भाजपा धान की दरों और वन उपजों के बारे में क्या घोषणा करती है? 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दुर्ग जिले के दौरे पर रहेंगे। उनसे भी किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद की जा रही है।

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*पेट्रोल डीजल में राहत की उम्मीद*

पेट्रोल और डीजल की दरों को लेकर वैसे भी जनता के बीच त्राहि त्राहि मची हुई है। क्या कांग्रेस सरकार अपने द्वारा लिए जाने वाले वेट टैक्स पेट्रोल डीजल पर कम करने की घोषणा करेगी, इसे लेकर भी जनता में चर्चा का दौर जारी है। मध्यम व्यापारी जीएसटी को लेकर बहुत परेशान हैं। केंद्र सरकार को इस पर ठोस राहत पहुंचाने की घोषणा करनी होगी। उद्योगपतियों को भी कुछ बड़ी राहत की उम्मीद है, अब यह उम्मीद कांग्रेस पूरा करती है या बीजेपी, इसे देखना है।उद्योगपतियों को भी दोनों के घोषणा पत्र और संकल्प पत्र का इंतजार है। मतदाताओं में चर्चा यह है कि जब केंद्र सरकार लाखों करोड़ों रुपए उद्योगपतियों के माफ कर सकती है, एनपीए में डाल सकती है तो फिर किसानों का कर्ज माफ करने के बारे में ठोस घोषणा करने से क्यों हिचक रही है।

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*योगी – गडकरी की डिमांड*

बस्तर संभाग, राजनांदगांव और कवर्धा जिलों के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की मांग है कि उनके विधानसभा क्षेत्रों में कोई नेता नहीं भेजें। आमसभा के लिए सिर्फ योगी आदित्यनाथ और नितिन गडकरी को जरूर आमसभा लिए भेजें, आम जनता में उनके प्रति सकारात्मक भावना अधिक है, जिसका राजनीतिक लाभ उम्मीदवारों को मिल सकता है।

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