बिकरू हत्याकांड : 30 महीने जेल में रहने के बाद खुशी दुबे रिहा

कानपुर, 22 Jan, (SS) ,,,, बिकरू हत्याकांड की आरोपी और मारे गए गैंगस्टर अमर दुबे की विधवा खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शनिवार देर रात जेल से रिहा कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी को खुशी दुबे को जमानत दी थी। उस पर मामले के मुख्य आरोपी की मदद करने का आरोप है। नाबालिग के रूप में गिरफ्तार वह 30 महीने से अधिक समय तक कानपुर देहात जेल में बंद रही। इससे पहले खुशी ने इस मामले में जमानत से इनकार करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने खुशी को जमानत देते हुए कहा कि जुलाई 2020 में घटना के वक्त वह नाबालिग थी।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने खुशी दुबे की जमानत याचिका का विरोध किया था।

उच्च न्यायालय के समक्ष खुशी ने कहा था कि उसे 1 सितंबर, 2020 को एक बोर्ड द्वारा नाबालिग घोषित किया गया था। उसने यह भी दलील दी थी कि वह विकास दुबे के गिरोह की सदस्य नहीं थी, बल्कि उसका पति मारे गए गैंगस्टर का रिश्तेदार था और घटना वाले दिन वे विकास दुबे के घर गए थे।

उच्च न्यायालय में राज्य सरकार ने इस आधार पर उनकी जमानत याचिका का विरोध किया था कि हमले में जीवित बचे पुलिसकर्मियों के बयानों के अनुसार उसने हमले में सक्रिय रूप से भाग लिया था।

बिकरू कांड के तीन दिन पहले ही उसकी शादी अमर दुबे से हुई थी।



पत्रकारों से बात करते हुए खुशी ने कहा, मुझे पुलिस ने 4 जुलाई को उठाया और 8 जुलाई को जेल भेज दिया। उन चार दिनों में मैंने जो कुछ झेला, उसका मैं वर्णन भी नहीं कर सकती।

तीन जुलाई 2020 को पुलिस की एक टीम गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई थी। गैंगस्टर और उसके आदमियों ने टीम पर गोलियां चलाईं, जिससे आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई।

बाद में विकास और अमर दुबे सहित उसके पांच सहयोगी मुठभेड़ों में मारे गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *