एमपी में घर से बहुत दूर था बेटा, थोड़ी देर बाद घरवालों को गया फोन, हुआ कुछ ऐसा कि मच गया बवाल-जमकर तोड़फोड़

रीवा. मध्य प्रदेश के रीवा के संजय गांधी अस्पताल में 6 फरवरी की रात जमकर बवाल मचा. यहां एक शख्स की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की. वे शख्स के शव को लेकर भाग भी गए. इस उपद्रव में अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टर बाल-बाल बच गए. उन्होंने इसके विरोध में काम बंद कर दिया. हालांकि, सीनियर डॉक्टरों के समझाने पर वे काम पर लौट आए. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. उसके बाद पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

गौरतलब है कि संजय गांधी अस्पताल से अमहिया थाने में किसी ने फोन किया कि संजय गांधी अस्पताल में लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं. ये सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तुरंत अस्पताल पहुंच गई. जब तक पुलिस वहां पहुंचती हंगामा कर रहे लोग भाग चुके थे. पुलिस ने डॉक्टरों के बयान लिए तो मामला सामने आया. डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि मृतक योगेश सेन के परिवार वाले हंगामा कर उसका शव ले गए हैं. इसके बाद पुलिस शव की तलाश में निकल गई. जानकारी के मुताबिक, सिरमौर थाना क्षेत्र के उमरी मोड़ के पास ऑटो पलट गया था.

आईसीयू में की तोड़फोड़इस हादसे में मऊ निवासी योगेश सेन गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसे जब अस्पताल पहुंचाया गया तो डॉक्टरों ने योगेश को मृत बता दिया. इसके बाद अस्पताल से उसके घर फोन गया तो परिजन आनन-फानन में वहां पहुंचे. उन्होंने वहां पहुंचते ही आईसीयू में तोड़फोड़ शुरू कर दी. उन्होंने डॉक्टरों के कैबिन को चकनाचूर कर दिया. उस समय कई डॉक्टर मौके पर मौजूद थे. वे बाल-बाल बच गए. लोगों ने वहां मौजूदा स्टाफ से बद्तमीजी की और अपने परिजन के शव को लेकर भाग गए. इस दौरान डॉक्टरों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे मारपीट पर उतारू हो गए.

लोगों ने बंद किया कामलोगों की इस तरह की हरकत के खिलाफ डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया. इस वजह से वहां भर्ती मरीजों को परेशानी होने लगी. उनके काम बंद करने की खबर जैसे ही सीनियर डॉक्टरों को लगी तो उन्होंने जूनियर डॉक्टरों को समझाइश दी. उसके बाद सभी काम पर लौटे

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