जेल प्रबंधन ने चक्कर अधिकारी अशोक साव को हटाया, कबरा समेत दो अपराधियों को दूसरी जेल में किया गया शिफ्ट
दुर्ग /- दुर्ग केंद्रीय जेल में छापेमारी के बाद जेल प्रबंधन ने चक्कर अधिकारी अशोक साव को हटा दिया है। वहीं कुख्यात अपराधी उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा समेत दो को अन्य जेल में ट्रांसफर किया गया है। पुलिस को जेल में छापेमारी के दौरान जेल के अंदर मोबाइल फोन, तंबाकू, गांजा, अस्तुरा समेत आपत्तिजनक सामान बरामद किया था।
दुर्ग केंद्रीय जेल अधीक्षक मनीष सांभरकर ने बताया कि जेल के राउंड अप अधिकारी अशोक साव को राउंड अप से हटाकर जेजे शाखा में भेजा गया है, वहीं कुख्यात उपेंद्र सिंह और चक्कर इंचार्ज कैदी रिंकू पांडेय के अन्य जेल ट्रांसफर किया है। जिला प्रशासन और पुलिस बुधवार के अलसुबह कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी जितेंद्र शुक्ला समेत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की टीम ने जेल में दबिश दी थी। इस दौरान टीम को पूरे जेल की तलाशी के बाद कुछ मात्रा में तंबाकू, गांजा, बीड़ी,चिलम समेत ब्लेड और अस्तुरा मिला था।
पुलिस ने इसका जब्ती पंचनामा की कार्यवाही की गई थी। दुर्ग जेल में बंद कुख्यात अपराधी उपेंद्र सिंह को बिलासपुर और जेल का चक्कर इंचार्ज कैदी रिंकू पांडेय को अंबिकापुर जेल ट्रांसफर किया गया है। दोनों कैदियों के जेल ट्रांसफर को लेकर मुख्यालय से आदेश आया था। वहीं तपन सरकार के जेल ट्रांसफर के लिए भी कोर्ट में आवेदन लगाया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद तपन सरकार को भी अन्य जेल में ट्रांसफर किया जा सकता है।
कौन है उपेन्द्र सिंह उर्फ काबरा
पूरा मामला साल 2013 का है। उपेंद्र सिंह किसी मामले में बिलासपुर जेल में बंद था। दुर्ग में अपहरण का एक मामला दर्ज था। जिसकी आखिरी पेशी में दुर्ग लाया गया था और बिलासपुर वापसी के समय छह फरवरी 2013 को बदमाशों ने करीब डेढ़ किलोमीटर तक जनशताब्दी ट्रेन के ड्राइवर और अन्य स्टॉफ को बदमाशो ने बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया था। फिर उपेंद्र सिंह को उसके बेटे के साथ आए साथी छुड़ा ले गए। घटना के डेढ़ महीने बाद उसे झारखंड धनबाद से गिरफ्तार किया था। ट्रेन हाईजैक करने और रेलकर्मियों के अपहरण की साजिश रचने के जुर्म में अप्रैल 2018 में उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा को रेलवे एक्ट की पांच धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है।